जातिगत जनगणना का ‘चुनावों में कोई असर’ नहीं : बाबूलाल मरांडी
जमशेदपुर/रांची.
झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने विपक्षी दलों द्वारा देशव्यापी जातिगत जनगणना की मांग को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की मांग का अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और राज्य विधानसभा चुनावों में भगवा पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। झारखंड में भाजपा के 2019 की तुलना में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने की बात पर जोर देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवा पार्टी राज्य में सत्ता में आने पर भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देगी।
इसके अलावा, कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के साथ-साथ राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) लागू करेगी और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करेगी। मरांडी संकल्प यात्रा में भाग लेने के लिए जमशेदपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमारे पास पूरे देश में जाति आधारित आरक्षण है। इसके अलावा, राजनीतिक दल एक विशेष जाति के उम्मीदवार को नामित करने की नीति का पालन करते हैं, जो पार्टी-व्यापी सर्वेक्षणों के अनुसार एक निर्वाचन क्षेत्र में बहुमत में है। इसलिए मुझे नहीं लगता कि देशव्यापी जातिगत जनगणना की विपक्ष की मांग का लोकसभा और झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर पड़ेगा।’
उन्होंने कहा कि भाजपा के 27 प्रतिशत से अधिक सांसद, विधायक और मंत्री एसटी, एससी और ओबीसी समुदायों से हैं, जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में आठ मंत्री इन श्रेणियों से हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ओबीसी श्रेणी से आते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जातिगत जनगणना की मांग पूरी तरह से कुछ राजनीतिक दलों के परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है।
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि भाजपा अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि लोगों ने राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार से छुटकारा पाने का मन बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोरेन सरकार दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं को रोकने में असफल हुई है।
राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में कथित अवैध घुसपैठ पर उन्होंने कहा, 'सत्ता में आने पर हम सबसे पहले संथाल परगना में एनआरसी लागू करेंगे, जहां जनसांख्यिकी तेजी से बदल रही है। हम पता लगाएंगे कि ये घुसपैठिए कहां से आते हैं, उनकी पहचान करेंगे।