ब्रिटिश-भारतीय चमन लाल बर्मिंघम के लॉर्ड मेयर बने
लंदन
बर्मिंघम के इतिहास में पहली बार ब्रिटिश भारतीय नागरिक चमन लाल ने लॉर्ड मेयर का पद संभाल लिया है। इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स शहर के स्थानीय पार्षदों ने उनका चुनाव किया है।
ब्रिटिश सिखों के रविदासिया समुदाय से आने वाले लाल का जन्म पंजाब के होशियारपुर में पखोवल गांव में हुआ था। बाद में वह ब्रिटेन आ गए थे जहां कई वर्षों तक स्थानीय पार्षद रहे। लेबर पार्टी के नेता को सबसे पहले 1994 में निर्वाचित किया गया था।
पिछले सप्ताह मेयर चुने जाने के लिये आयोजित एक समारोह में लाल ने कहा, ''यह मेरे और हमारे परिवार के लिए बहुत गर्व का क्षण है कि सेना अधिकारी के बेटे के रूप में भारत में जन्म हुआ लेकिन बर्मिंघम में सेवा करने का मौका मिला।''
उन्होंने कहा, ''मैं गोद लिया हुआ 'ब्रुमी' हूं और मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन में अपने गोद लिए हुए शहर का लॉर्ड मेयर बनूंगा। मैं अपने और हमारे महान शहर के प्रथम नागरिक के रूप में मुझे चुनने के लिए साथी पार्षदों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो किसी पार्षद को दी जाने वाली सर्वोच्च नागरिक भूमिका होती है।''
गौरतलब है कि बर्मिंघम के लोगों को ब्रुमी भी कहा जाता है।
बर्मिंघम सिटी काउंसिल के अनुसार, चमन लाल के पिता सरदार हरनाम सिंह बंगा ब्रिटिश भारतीय सेना के अधिकारी थे जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक इतालवी अभियान में भाग लिया था। लाल के पिता 1954 में इंग्लैंड आए थे और बर्मिंघम में बस गए थे।
चमन लाल अपनी मां सरदारनी जय कौर के साथ 1964 में इंग्लैंड आए और तब से बर्मिंघम में रह रहे हैं।
लाल ने अपना इलेक्ट्रॉनिक्स का कारोबार भी शुरू किया। उन्होंने 1971 में विद्यावती से शादी की और उनकी तीन बेटियां तथा दो बेटे हैं।
वह 1989 में लेबर पार्टी में शामिल हुए और समानता तथा भेदभाव को चुनौती देने के लिए कई सामाजिक न्याय अभियानों में भाग लिया।