छत्तीसगढराज्य

ब्रजमोहन आठवीं बार तो बुजुर्ग पिता को बेटे के विधायक बनने का इंतज़ार

रायपुर.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहले चरण की 20 सीटों पर मतदान होने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौर में कितनी सीटें किसके पाले में गईं। इसके साथ ही सबकी नजर बची हुईं 70 सीटों पर है। दूसरे दौर में राजधानी के रण पर सबकी नजर होगी क्योंकि यहां प्रदेश की राजनीति में खासा दखल रखने वाले नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। जिले की छह सीटों पर कांग्रेस और एक पर भाजपा का कब्जा है। जिले का सियासी गणित समझने के लिए शहर के रजबंधा मैदान स्थित किसी भी चाय की दुकान पर थोड़ा वक्त गुजारना पड़ेगा। एक दुकान पर मिले शिक्षक गोरेलाल जॉनसन ने बताया, लड़ाई इस बार कांटे की है। ें रायपुर पश्चिम में भाजपा ने पूरा जोर लगा रखा है। डॉ. राजेश ने रायपुर उत्तर में सिंधी समाज की नाराजगी से कांग्रेस को नुकसान बताया। रायपुर दक्षिण के कांग्रेस प्रत्याशी को मजबूत माना लेकिन उनकी सफलता पर संशय भी जाहिर किया।

शहर और देहात क्षेत्र के मतदाताओं का अलग मिजाज
शहरी मतदाता रेवड़ी संस्कृति से नाराज हैं तो ग्रामीण इसे बड़ी राहत मानते हैं। एक ढाबे पर एक फैक्टरीकर्मी परमेश्वर शर्मा ने कहा, शहर के सभी विकास कार्य भाजपा के समय हुए। कांग्रेस राज में कोई नया काम नहीं शुरू हुआ। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र केे शिव साहू ने कहा, कांग्रेस ने गांव और किसान का ख्याल रखा। हालांकि, बिजली बिल माफी और बेरोजगारी पर उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर पाई।

=====================जिले की विधानसभा सीटों का हाल========================
रायपुर दक्षिण- मोहन की लगातार आठवीं जीत से रोकने के लिए मैदान में महंत
सीट से 1990 से लगातार सातवीं बार विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को आठवीं जीत से रोकने के लिए कांग्रेस ने दूधाधारी मठ के मठाधीश महंत रामसुंदर दास को मैदान में उतारा है। शहर में दोनों नेताओं की अच्छी पकड़ होने के नाते मुकाबला दिलचस्प है। समर्थकों का मानना है कि इस बार मुकाबला काफी करीबी होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी महंत रामसुंदर दास वर्तमान में गोसेवा आयोग के अध्यक्ष हैं।

रायपुर ग्रामीण- विधायक पिता की जगह बेटे को  मौका
कांग्रेस ने सात बार के विधायक 80 वर्षीय सत्यनारायण शर्मा की जगह बेटे पंकज शर्मा को यहां से उतारा है। 1985 में पहली बार चुने गए सत्यनारायण इस सीट से सिर्फ एक बार 2008 में हारे थे। उनके बेटे पंकज भी दो दशक से अधिक समय से संगठन से जुड़े हैं। भाजपा ने पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल साहू को उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। यहां ओबीसी मतदाता निर्णायक हैं।

आरंग : भाजपा की घेरेबंदी में फंसे मंत्री शिव कुमार डहरिया
इस बार मंत्री शिवकुमार डहरिया की राह आसान नहीं है भाजपा ने उनके खिलाफ सतनामी समाज के धर्मगुरु बालदास के पुत्र गुरु खुशवंत सिंह को मैदान में उतारा है। गुरु बालदास पहले कांग्रेस में थे। वह इसी साल भाजपा के पाले में आए और बेटे को टिकट दिलाने में भी सफल रहे। क्षेत्र में सतनामी मतदाताओं का अच्छा प्रभाव है।

रायपुर उत्तर : सिंधी समाज की नाराजगी में उलझी कांग्रेस
कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार कुलदीप जुनेजा को टिकट देकर सिंधी समाज की नाराजगी मोल ले ली है। नाराज अजीत कुकरेजा बागी होकर मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने छत्तीसगढ़ सर्व उड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा पर दांव खेलकर जुनेजा को घेरने की कोशिश की है। समाजसेवी की छवि वाले पुरंदर के उड़िया समाज के मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है।

रायपुर पश्चिम
भाजपा के पूर्व मंत्री रहे राजेश मूणत और कांग्रेस से वर्तमान विधायक विकास उपाध्याय आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में मूणत की लगातार तीन जीत का क्रम तोड़ते हुए विकास ने सफलता हासिल की थी। संसदीय सचिव विकास क्षेत्र में सक्रियता के चलते लोकप्रिय हैं।

धरसींवा
कांग्रेस ने विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा का टिकट काटकर पूर्व राज्यसभा सदस्य छाया वर्मा को उतारा है। उनके मुकाबले में भाजपा ने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सितारे पद्मश्री अनुज शर्मा की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश की है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button