भोपाल से दिल्ली तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन खत्म
भोपाल
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में चर्चाओं का दौर खत्म हो गया है। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों की सूची लगभग फाइनल हो गई है। भाजपा के राष्टÑीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय नेतृत्व के बीच लगभग सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इस पूरी कवायद में शिवप्रकाश की भूमिका सबसे अहम है। मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शिवप्रकाश को समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी थी। मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह रविवार या सोमवर में से किसी भी एक दिन हो सकता है। दिल्ली में केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक आज खत्म हो जाएगी और राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी आज रीवा के दौरे पर हैं। जानकारी के मुताबिक रविवार शाम को मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं। रविवार को शाम 4 बजे राज्यपाल का रीवा से भोपाल लौटने का कार्यक्रम भी है।
प्रदेश के नए प्रशासनिक प्रमुख और सर्जरी को लेकर भी हुई चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों राजेंद्र शुक्ल और जगदीश देवड़ा एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ दो दिन तक दिल्ली में रहे। इस दौरान जहां उन्होंने मंत्रिमंडल को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा की वहीं प्रदेश के नए प्रशासनिक मुखिया (मुख्य सचिव) को लेकर भी चर्चा हुई। मध्यप्रदेश कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन प्रदेश का नाम नए मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे है। फिलहाल अनुराग जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनको केंद्र से प्रदेश में लाने के लिए भी चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में नए मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद ही बड़े स्तर पर प्रशासनिक सर्जरी होगी। इस सर्जरी में मंत्रालय में बैठे एसीएस से लेकर जिलों के कलेक्टर तक के तबादले किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों से मिले। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विकास कार्यों को लेकर भी चर्चा की।
मंत्री पद के दावेदार दिल्ली तक पहुंचे
भाजपा की बंपर जीत के बाद मंत्री पद के दावेदारों की भरमार है। इन हालातों में भाजपा के वह विधायक जो मंत्री पद हासिल करना चाहते हैं, वे अपने राजनीतिक आकाओं से लगातार संपर्क में हैं। इसके लिए वे भोपाल से नागपुर और दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। कुछ विधायक तो पिछले कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के रुख से मंत्री पद के संभावित उम्मदवार हतप्रभ हैं क्योंकि इस बार किसको मंत्री बनाना है और किसे नहीं, इसे लेकर बहुत ज्यादा गोपनीयता बरती जा रही है। इन हालातों में प्रदेश भाजपा के बड़े नेता भी अपने समर्थकों को मंत्री पद दिलाने में कितने कामयाब होंगे इसे लेकर संशय है।