रायपुर
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजयुमो को पीएससी दफ्तर नहीं बल्कि रमन सिंह के निवास को घेरना चाहिए और उनसे पूछना चाहिए कि 15 साल के भाजपा के शासनकाल के दौरान अधिकारी, व्यापारी और राजनेता के पुत्र एवं आपस में भाई बहन पीएससी में सलेक्ट कैसे हो गये? पीएससी को लेकर भाजपा नेताओं के पास स्तरहीन झूठे आरोप के अलावा कोई तथ्य नहीं है।
विपक्षी दल के द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें तनिक भी सच्चाई होती, उनके पास तथ्य होते तो वे प्रमाण देते ताकि उनके आरोपो का जांच करवाया जा सके। मुख्यमंत्री के द्वारा भाजपा से तथ्य मांगे जाने पर भाजपा के नेता अब गोलमोल जवाब दे रहे हैं इससे समझ में आता है कि भारतीय जनता पार्टी के पास झूठ के अलावा कुछ नही है। प्रदेश में भाजपा मुद्दाविहीन हो चुकी है इसीलिए हंगामा करके सिर्फ जनता का ध्यान आकर्षित करना चाहती है। भाजपा प्रदेश की महत्वपूर्ण संस्था राज्य लोकसेवा आयोग की विश्वसनीयता पर अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये सवाल खड़ा किया है।
ठाकुर ने कहा कि रमन राज में 2005 में हुए पीएससी की गड़बडि?ों को प्रदेश की जनता भूली नहीं है तब पीएससी अध्यक्ष को सस्पेंड किया गया था परिणाम के गड़बडि?ों पर हस्तक्षेप कर तत्कालीन राज्यपाल लेफ्टिनेंट गवर्नर के.एम. सेठ ने तत्कालीन पीएससी अध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया। राज्य सरकार ने और ईओडब्ल्यू जांच करवाई और जांच में तत्कालीन चेयरमैन अशोक दरबारी समेत पीएससी में चयनित सारे अभ्यर्थियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया था यह रमन सरकार के दौरान होता था।