भाजपा विधायक ने नई पार्टी का ऐलान किया
सतना
अलग विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर पूरे विंध्य क्षेत्र के सतना, रीवा, सीधी, उमरिया, एवं शहडोल में सतत प्रयत्नशील सतना जिले के मैहर के भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने नई पार्टी का ऐलान कर दिया है, उनका नारा है तुम मुझे 30 दो मैं तुम्हें विंध्य प्रदेश दूंगा, और इसी के साथ वे पांचवीं बार विधायक बनने के लिए अपनी नई पार्टी घोषित की है।
श्री नारायण त्रिपाठी ने अब तक समाजवादी पार्टी, कांग्रेस एवं भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में 4 बार विधायक चुने गए। पहली बार 2003 में उन्होंने समाजवादी पार्टी की टिकट पर मैहर विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीते पर 2008 के चुनाव में वह भाजपा के मोतीलाल तिवारी से पराजित हुये फिर 2013 में श्री नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस का दामन थाम कर चुनाव लड़ा और दूसरी बार विधायक बने किन्तु वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक घटनाक्रम में श्री नारायण त्रिपाठी ने चुनाव के मतदान के ठीक पूर्व कांग्रेस के विधायक रहते हुए भाजपा का दामन थाम लिया पर उन्होंने कांग्रेस की विधायकी की से इस्तीफा नहीं दिया था काफी समय बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2016 में मैहर विधानसभा के उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और तीसरी बार विधायक बने, फिर दो हजार अट्ठारह के विधानसभा के आम चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी को मात्र 3000 मतों से हराया था और चौथी बार विधायक बने।
अब वर्ष के अंत तक फिर मध्यप्रदेश में चुनाव होना है । भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी से पार्टी की पटरी नहीं बैठ रही वह पिछले 2 साल से पार्टी लाइन के विपरीत पृथक विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर पूरे विंध्य क्षेत्र में जन जागरण कर रहे हैं जिससे पार्टी के बड़े नेता उनसे नाराज हैं और स्वयं नारायण त्रिपाठी ने भी पार्टी के कार्यक्रम से दूरी बनाकर चल रहे हैं उन्होंने अपने बड़े लड़के को राजनीति में उतार दिया है, पंचायतों के चुनाव में श्री त्रिपाठी ने अपने बड़े लड़के विकास को उतारकर मैहर जनपद का उपाध्यक्ष बनवा दिया है और उनका प्रयास है कि उनका लड़का राजनीति में आगे बढ़े।
मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा घोषित नई पार्टी विंध्य विकास जनता पार्टी अभी अस्तित्व में नहीं आई है मात्र घोषणा हुई है उन्होंने कहा कि उनकी नई पार्टी 15 मई तक रजिस्टर्ड हो जाएगी। श्री नारायण त्रिपाठी ने मैहर में 2 मई से बागेश्वर धाम के श्री धीरेंद्र शास्त्री की कथा कराने की घोषणा की थी उसके लिए उन्होंने श्री धीरेंद्र शास्त्री से अनुमति भी मिल गई थी मैहर में बागेश्वर धाम के श्री शास्त्री की कथा के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी चल रही थी कि अचानक श्री धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी व्यस्तता के कारण मैहर में कथा करने से इंकार कर दिया। मैहर में बागेश्वर धाम की कथा निरस्त होने से श्री नारायण त्रिपाठी को सियासी तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि प्रदेश के मुखिया कुछ दिन पहले ही बागेश्वर धाम के श्री धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन करने गए थे, कथा निरस्त होने पर श्री त्रिपाठी ने कहा ठीक कथा स्थल पर अब 15 मई को हनुमान चालीसा का पाठ होगा उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नई पार्टी का पंजीयन 15 मई तक हो जाएगा। राजनीतिक क्षेत्रों के जाने-माने लोगों का कहना है कि श्री नारायण त्रिपाठी 2 मई से मैहर में बागेश्वर धाम की कथा कराकर अपनी नई पार्टी के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने वाले थे पर श्री शास्त्री ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया।
श्री नारायण त्रिपाठी जोकि 20 अप्रैल को हैदराबाद में थे ने मोबाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी नई पार्टी का रजिस्ट्रेशन फाइनल स्टेज पर है जब उनसे पूछा गया कि वह विंध्य की सभी 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे तो उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में कुछ कहना जल्दबाजी होगी वे बुंदेलखंड में भी चर्चा कर रहे हैं और उनके उम्मीदवारों का आंकड़ा विंध्य क्षेत्र से निकलकर बुंदेलखंड में भी जाएगा संभवत आंकड़ा 50 से 60 के बीच हो सकता है। मैहर में बागेश्वर धाम की कथा निरस्त होने के पीछे क्या कारण है श्री त्रिपाठी ने कहा कि बाबा धर्मेंद्र शास्त्री के संबंध में कुछ नहीं कहना चाहते पर जब उनसे यह कहा गया कि तथा निरस्त होने के कुछ दिन पहले प्रदेश के मुखिया बाबा के दर्शन करने गए थे ? श्री त्रिपाठी ने कहा मुझे सब मालूम है पर मैं बाबा के निर्णय के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता श्री त्रिपाठी ने यह अवश्य कहा कि उनकी बात बाबा धर्मेंद्र शास्त्री जी से हो चुकी है और वे जनवरी 2024 में मैहर में कथा करेंगे।
श्री त्रिपाठी की नई पार्टी यदि अस्तित्व में आ गई तो विंध्य प्रदेश सहित बुंदेलखंड में भाजपा की राह में मुश्किलें आ सकती है हालांकि अभी काफी समय है यह राजनीति है कभी भी कुछ भी हो सकता है। पर श्री त्रिपाठी ने चर्चा के अंत में यह अवश्य कहा कि वे किसी से डरने वाले नहीं हैं।