बीजेपी चुनाव में नहीं लेना चाहती कोई चांस, मंत्री और 25 विधायकों के टिकट काटना तय !
भोपाल
मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी चुनाव में कोई चांस नहीं लेना चाहती, इसलिए उन मंत्रियों और विधायकों के टिकट भी काटे जा सकते हैं जिनको लेकर जरा भी असमंजस है। इनमें करीब 10मंत्रियों और 25 विधायकों के टिकट पर फिलहाल संकट माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इनके नाम केंद्रीय नेतृत्व के पास पहुंच चुके हैं। पार्टी के आंतरिक सर्वे और प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय नेतृत्व इस पर फैसला करेगा।
भाजपा की दूसरी सूची जारी होने के बाद यह तय हो गया है कि इस बार फिर से भाजपा की सरकार बनाने के लिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उम्मीदवारों के चयन में कई और कड़े फैसले ले सकता है। इसमें शिवराज सिंह चौहान सरकार के करीब 10 मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। उनके टिकट कट सकते हैं। जबकि कई मंत्रियों के क्षेत्र बदल सकते हैं। कई बार से लगातार जीतने वालों विधायकों के भी टिकट इस बार दुविधा में हैं। इससे पहले पार्टी गुजरात में भी यही फार्मूला अपना चुकी है। इस फार्मूले के दम पर उसने वहां पर बंपर जीत दर्ज की थी।
सूत्रों की मानी जाए तो केंद्रीय नेतृत्व द्वारा करवाए गए सर्वे के साथ ही प्रदेश में आए 230 प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व करने वाला है। जिन भी मंत्रियों के रिपोर्ट ठीक नहीं हैं, उन्हें किसी भी हाल में पार्टी इस चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाएगी। जिसमें मंत्रियों के उनके पद पर रहते हुए परफार्मेंस से लेकर क्षेत्र में सक्रियता, क्षेत्र की जनता से जुड़ाव, क्षेत्र में विकास के कार्य, अपने काम के प्रति जिम्मेदारी और उन पर लगे आरोपों की क्या हकीकत है। इन सब पर केंद्रीय नेतृत्व ने रिपोर्ट तैयार की है। जिसके लिए कई सर्वे प्रदेश में हुए, जिसकी कानोकान भाजपा के प्रदेश के नेताओं खबर तक नहीं हुई। वहीं प्रदेश की सभी सीटों पर आए प्रवासी विधायकों ने भी अपनी रिपोर्ट में हर मंत्री का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया है। इन सब के बाद यह तय माना जा रहा है कि इस बार भाजपा उम्मीदवार चयन में कड़े फैसले लेने से नहीं चूकेगी।
सर्वे और प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट पर होगा फैसला
सीधी से केदारनाथ शुक्ला और नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल का टिकट काटकर पार्टी ने साफ कर दिया है कि टिकट काटने के मामले में कोई परहेज नहीं किया जाएगा। सूत्रों की मानी जाए तो वर्तमान में जो भाजपा विधायक हैं उनमें से 20 से 25 विधायकों के टिकट कट सकते हैं। पार्टी के सर्वे और प्रवासी विधायकों की रिपोर्ट के बाद इन विधायकों के टिकट कटेंगे। वहीं लंबे समय से चुनाव लड़ते आ रहे विधायकों के भी टिकट पर संकट आ सकता है।