स्टालिन के बेटे के बयान पर बखेड़ा, BJP ने INDI गठबंधन से मांगा जवाब; धर्म गुरु भी नाराज
नई दिल्ली
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है। उनके बयान पर सियासी बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इंडिया गठबंधन से स्टैंड साफ करने के लिए कहा है। वहीं, धर्म गुरुओं ने भी नाराजगी व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने पलटवार करते हुए कहा, ''स्टालिन INDI गठबंधन के मजबूत स्तंभ हैं और उनके बेटे सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से कर रहे हैं, उसे खत्म करने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी और INDI गठबंधन को अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए वे लोग इकट्ठे हो कर गठबंधन बना रहे हैं या सनातन धर्म को खत्म करने लिए इस प्रकार की बयानबाजी कर रहे हैं?
वहीं, राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, "सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता है। सनातन धर्म सदियों से अस्तित्व में है और रहेगा। वह (उदयनिधि स्टालिन) सनातन धर्म का वास्तविक अर्थ नहीं समझते हैं, वह जो भी कह रहे हैं वह बिल्कुल गलत है।" भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ''ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण है इसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। क्या INDI गठबंधन उनके बयान से सहमत है इसका जवाब INDI गठबंधन को देना चाहिए।''
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, ''INDI गठबंधन का भारत विरोधी और हिंदू विरोधी चेहरा आज साफ तरीके से उजागर हो चुका है। जिस प्रकार से DMK के नेता ने कहा कि वे न केवल सनातन धर्म का विरोध करते हैं बल्कि उसकी तुलना बीमारियों से करते हुए उसे खत्म करने की बात करते हैं। जिस धर्म में भारत के 80 फीसद लोगों की आस्था है उसे खत्म करने की बात हैं। उनका समर्थन कांग्रेस पार्टी के कार्ति चिदंबरम भी करते हैं। क्या यही मोहब्बत की दुकान है राहुल गांधी जी?''
उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए' वाली टिप्पणी पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा, "कांग्रेस का रुख साफ है, हम किसी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं चाहते। हम बाबा साहब अंबेडकर के 'सर्वधर्म समभाव' की भूमिका साथ लेकर चलते हैं, किसने क्या बोला वे हमारे हाथ में नहीं है।"
आपको बता दें कि स्टालिन ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू की तरह बताते हुए कहा है कि इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। सनातन धर्म को खत्म के लिए आयोजित किए गए एक सम्मेलन में बोलते हुए उदयनिधि ने कहा, ''मुझे विशेष संबोधन देने का अवसर देने के लिए मैं इस सम्मेलन के आयोजकों को धन्यवाद देता हूं। आपने सम्मेलन का नाम 'सनातन विरोधी सम्मेलन' के बजाय 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' रखा है, मैं इसकी सराहना करता हूं।''