पाकिस्तान में बड़े राजनीतिक उलटफेर की तैयारी! इमरान खान से हाथ मिलाएंगे बिलावल भुट्टो
कराची
पाकिस्तान में अगले कुछ दिनों में अगर दो कट्टर विरोधी एक साथ हाथ मिलाते हुए नजर आएं तो हैरान मत होइएगा। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के साथ गठबंधन कर सकती है। पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) को रोकने के लिए पीपीपी, इमरान के साथ जाने के लिए भी तैयार है। नवाज पिछले दिनों लंदन से अपने मुल्क वापस लौटे हैं और आने वाले चुनावों में किस्मत आजमाने को तैयार हैं।
कभी इमरान के खिलाफ थे दोनों
पाकिस्तान के अखबार डॉन ने पीपीपी के कार्यवाहक अध्यक्ष राणा फारूख के हवाले से लिखा है कि पार्टी दूसरे दलों के साथ चुनावी गठबंधन पर फैसला ले सकती है जिसमें पीटीआई भी शामिल है। दिलचस्प बात है कि पीपीपी और पीएमएल-एन ने अप्रैल 2022 में इमरान की सरकार गिरने के बाद गठबंधन की सरकार बनाई थी। राणा फारूख के इस बयान को पीएमएल-एन के एक नेता की तरफ से कही गई बात के तौर पर देखा जा रहा है। नवाज की पार्टी के नेता ने कहा था कि वे मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान और ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर सिंध में चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं। पीपीपी के नेता ने कहा कि पीपीपी बाकी दलों के साथ चुनावी गठबंधन के रास्ते में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की तरफ से चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।
पीटीआई की सिफारिश!
राणा फारूख ने कहा कि राजनीति में चुनावी गठबंधन बनते और बिगड़ते हैं। उनका कहना था कि यह राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है और किसी व्यक्तिगत दुश्मनी से प्रेरित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी पार्टी को जनवरी 2024 के चुनावी मुकाबले से बाहर रखा गया तो दुनिया नतीजों को स्वीकार नहीं करेगी। नौ मई को सैन्य संस्थानों पर हुए हमलों में पीटीआई की भूमिका के संदर्भ में भी उन्होंने बयान दिया। उनका कहना था कि जो लोग गुंडागर्दी में शामिल थे, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। लेकिन जो लोग घटनाओं के दौरान सिर्फ दर्शक बने रहे, उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने निर्दोष पीटीआई कार्यकर्ताओं को चुनावा में भाग लेने से न रोकने की अपील की है।
चुनाव आयुक्त की तारीफ
पीपीपी के नेता पीटीआई को चुनावी दौड़ से बाहर रखने के प्रयास के लिए पीएमएल-एन को दोषी ठहराने लगे हैं। उनकी मानें तो ऐसा लगने लगा था कि चुनाव होंगे क्योंकि कुछ ताकतें सक्रिय थीं। इतना ही नहीं उन्होंने सभी उम्मीदवारों को समान मौके देने के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की तारीफ कर दी है। पार्टी के नेताओं ने देश की आर्थिक समस्याओं के लिए पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा है कि पीएमएल-एन सीनेटर से छुटकारा पाकर ही अर्थव्यवस्था को बचाया जा सकता है। पीपीपी ने याद दिलाया कि पूर्व पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से कोई कर्ज नहीं मांगा था। उनका कहना था कि सन् 1977 में अर्थव्यवस्था मजबूत थी।