बड़ी कामयाबी: गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को मैक्सिको से दिल्ली लाया गया
नईदिल्ली
दिल्ली पुलिस गैंगस्टर दीपक पहल उर्फ बॉक्सर को दिल्ली ले आई है। उसे एयरपोर्ट से सीधा स्पेशल सेल के जनकपुरी स्थित कार्यालय ले जाया गया। एयरपोर्ट पर उसकी निगरानी के लिए विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धारीवाल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रमोद कुशवाहा के साथ खुद एयरपोर्ट गए थे।
उनकी निगरानी में उसे जनकपुरी लाया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आईएफएसओ के डीसीपी प्रशांत गौतम की देखरेख में छह सदस्य टीम मेक्सिको गई थी। इसमें तीन सदस्य तुर्किये में रुके थे, जबकि तीन सदस्य मैक्सिको गए थे। बॉक्सर को दिल्ली लाने के साथ ही अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई के अफसर भी साथ आए हैं।
स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बॉक्सर को भारी सुरक्षा में सेल के कार्यालय में रखा गया है। उसे आज दोपहर बाद मकोका की कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में एक बिल्डर की हत्या समेत बॉक्सर कई मामलों में फरार चल रहा था।
पुलिस ने कहा बड़ी कामयाबी
दिल्ली पहुंचने पर धालीवाल ने कहा कि यह एक बड़ी कामयाबी है कि समन्वित कार्रवाई के जरिए पहली बार एक अपराधी को मैक्सिको जैसी जगह से लाया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कई महीनों से उसका (गैंगस्टर दीपक बॉक्सर) पीछा कर रही थी। दिल्ली-एनसीआर में इससे बड़ा गैंगस्टर कोई दूसरा नहीं है। इस पर कई टीमों ने काम किया है।
पांच देशों से होकर मैक्सिको पहुंचा था बॉक्सर, एजेंटों को दिए 40 लाख
बताते हैं कि मैक्सिको के कानकून बंदरगाह से अमेरिका की एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (एफबीआई) व इंटरपोल की मदद से दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए देश के टॉप-10 गैंगस्टर में शुमार दीपक पहल उर्फ पहलवान उर्फ बॉक्सर अमेरिका भागने की फिराक में था।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि अगर वह अमेरिका पहुंच जाता तो उसे फिर लाना मुश्किल होता। दीपक एजेंटों (मानव तस्करी करने वाले) के जरिए पांच देशों से होकर मैक्सिको पहुंचा था। बताया जा रहा है कि बॉक्सर ने एजेंटों को मैक्सिको पहुंचाने के लिए करीब 40 लाख रुपये दिए थे। बॉक्सर को मैक्सिको से भारत लाया जा चुका है। वह आज सवेरे ही दिल्ली पहुंचा है।
कौन है दीपक बॉक्सर?
दीपक बॉक्सर दिल्ली पुलिस की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर था. वह दिल्ली के सिविल लाइंस में एक बिल्डर की हत्या सहित कई मामलों में फरार चल रहा था. दीपक बॉक्सर इन दिनों कुख्यात गोगी गैंग की कमान संभाल रहा था. गोगी की हत्या के बाद वही गैंग को लीड कर रहा था और उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी हाथ मिला लिया था. सूत्रों का कहना है कि दीपक बॉक्सर को विदेश भगाने में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग ने अहम भूमिका निभाई है.
दीपक बॉक्सर के ऊपर दिल्ली पुलिस ने 3 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. कुछ वक्त पहले ही खबर आई थी कि दीपक गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की मदद से विदेश भागा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्नोई चाहता था कि दीपक बाहर रहकर गैंग का कामकाज संभाले. 27 साल का दीपक पहल विदेश से ही रंगदारी मांग रहा था.
पूरा गैंग था पुलिस के राडार पर
दिल्ली पुलिस के मुताबिक मार्च के आखिरी हफ्ते में जैसे ही पता चला कि दीपक बॉक्सर फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भाग गया है. तो उसकी जानकारी जुटाई गई. इस दौरान पता चला कि बॉक्सर रवि अंतिल के नाम से बने एक फर्जी पासपोर्ट पर फरार हुआ था. करीब एक हफ्ते तक बॉक्सर के सभी पुराने साथियों, गुर्गों और आपराधिक सहयोगियों के साथ निकट संबंधियों से गहन पूछताछ की गई. सभी को एक साथ सर्विलांस पर रखा गया. तब ये पता चला कि कि वो मेक्सिको में है.
अमेरिका भागने की फिराक में था
दिल्ली पुलिस ने इसे दबोचने के लिए विदेश मंत्रालय के जरिए मेक्सिको और अमेरिकी एजेंसियों से सहयोग लिया तो उसकी लोकेशन कैनकुन सिटी में मिली. मेक्सिको का ये इलाका मानव तस्करों के अड्डे और ड्रग्स डीलिंग के लिए बदनाम है. बॉक्सर यहां से अमेरिका भागने वाला था. जहां से उसे भारत लाना आसान नहीं होता. इसलिए इस ऑपरेशन को मेक्सिको पुलिस और एफबीआई के सहयोग से अंजाम दिया गया.