कर वसूली में छोटे शहरों की लम्बी छलांग, भोपाल, इंदौर-जबलपुर ननि हुए फिसड्डी
भोपाल
प्रदेश के शहरों में रहने वाले लोगों से प्रापर्टी टैक्स और अन्य कर वसूलने के मामले में छोटे शहरों ने बड़ी छलांग मारी है। नगर निगम इंदौर, भोपाल, जबलपुर जैसे निकायों को पीछे छोड़ते हुए उज्जैन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और ग्वालियर ने अच्छी वसूली की है तो नगरपालिका व नगर परिषदों के मामले में भी ये छोटे व कम चर्चा वाले निकाय आगे हैं। नगरीय विकास और आवास विभाग के अफसरों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में नगरीय निकायों को आय के विभिन्न स्रोतों से 2354 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था जो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2532 करोड़ रुपए तक पहुंचा है।
इसी तरह नगरीय निकायों के सम्पत्ति कर में वर्ष 2021-22 में अर्जित 1083 करोड़ रुपए के विरुद्ध वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1206 करोड़ रुपए की वसूली हुई है। नगर निगमों में संपत्ति कर में 11 प्रतिशत और नगर पालिका परिषदों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उधर नगर परिषदों में 31 मार्च की स्थिति में 21 प्रतिशत अधिक वसूली की गई है।
ये हैं अच्छा परफार्म करने वाले निकाय
प्रदेश में राजस्व में सर्वाधिक वृद्धि हासिल करने वाले नगर निगमों में उज्जैन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा एवं ग्वालियर शामिल हैं। यहां आमदनी में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वहीं नगर पालिका परिषदों और नगर परिषदों में कोठरी, माचलपुर, इछावर, अम्बाह, शिवपुरी, आरोन, बारासिवनी, बरघाट तथा डिण्डोरी जैसे निकाय शामिल हैं, जिन्होंने राजस्व प्राप्ति में अन्य निकायों की अपेक्षा अच्छा परफार्म दिया है।