बलरामपुर.
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के सहकारी केंद्रीय बैंक अंबिकापुर शाखा रामानुजगंज के कार्यशैली को लेकर हमेशा से विवादों में रहा है। कई बार किसानों के द्वारा बैंक की कार्यशैली को लेकर आंदोलन भी किया गया। यहां तक जनप्रतिनिधियों ने भी बैंक की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई है जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा रामानुजगंज के खाताधारी किसानों के होश तब उड़ गए जब उनको पता चला कि उनके द्वारा कोई केसीसी नहीं गया है एवं उनके नाम से केसीसी निकाल लिया गया है।
किसानों को जब से पता चला है कि उनके नाम से केसीसी है बैंक के अधिकारी के पास जब वे जा रहे हैं तो सिर्फ बैंक के अधिकारी उन्हें दौड़ने का काम कर रहे हैं। ग्राम केरवशीला के सूरजदेव सिंह ने बताया कि केसीसी के लिए कोई आवेदन नहीं किया था, 2023 में जब केसीसी लोन के लिए आवेदन किया तो मेरे नाम से 25 हजार रुपये का लोन पास हुआ जिसके बाद मैने 20 हजार का चेक काटा और बैंक में गया तो बैंक में कहा गया की दो हजार शेयर का भी कटेगा उसके बाद मैने 22 हजार का चेक काट कर बैंक में लगाया तो बैंक कर्मी के द्वारा बताया गया कि आपके नाम से 62 हजार का लोन पहले से है। जबकि मैने कभी भी केसीसी लिया ही नही। इसी प्रकार केरवाशीला के भिखारी सिंह के नाम से 42 हजार का केसीसी, नगरा के गजेंद्र सिंह के नाम से 29 का केसीसी निकाला गया है। जबकि उनके द्वारा कभी केसीसी लिया ही नहीं गया है। इसी प्रकार भवरमाल के राजेश सिंह के नाम से केसीसी 40 हजार निकाला गया। लेकिन उनके द्वारा भी केसीसी नहीं लिया गया इसी प्रकार कई अन्य किसान हैं जिनके द्वारा कभी केसीसी लिया ही नहीं गया है।
केसीसी के लिए यह दस्तावेज है आवश्यक
किसान क्रेडिट कार्ड के लिए किसान को सहकारी समितियों में खसरा बी वन, आधार कार्ड, बैंक के पासबुक का फोटो कॉपी, आधार कार्ड का फोटो कॉपी दो फोटो एवं बैंक का नोड्यूज देना पड़ता है। सवाल उठता है कि जब इतना दस्तावेज सहकारी समिति को देने के बाद केसीसी पास होता है तो बिना दस्तावेज के केसीसी पास कैसे हो गया और खाता से पैसा किसान का कैसे निकल गया।किसानों के द्वारा रवि एवं खरीफ की फसल में केसीसी लोन लिया जाता है, अल्पकालीन कृषि लोन रवि की फसल में एक अक्तूबर से लेकर 30 जून के बीच किसान लेते हैं वहीं खरीफ की फसल में एक अप्रैल से 31 मार्च तक किसान किसान क्रेडिट कार्ड लेते हैं।