मध्य प्रदेश में गौ-वंश की रक्षा को लेकर सीएम मोहन यादव का बड़ा फैसला, आरोपियों को होगी 7 साल की जेल
भोपाल
मध्य प्रदेश (MP) की मोहन सरकार (Mohan Sarkar) ने गौ-वंश (cattle) की रक्षा को लेकर बड़ा फैसला (big decision) लिया है. राज्य सरकार की तरफ से मध्य प्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2024 (ACT 2024) का नोटिफिकेशन (Notification) जारी कर दिया गया है. नए कानून के तहत अब 7 साल की सजा का प्रावधान है.
मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने गौ तस्करी को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है. मोहन सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. नए कानून के तहत गौ-तस्करी के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 7 साल की सजा का भी प्रावधान है.
नए कानून का नोटिफिकेशन जारी
इसके अलावा गौ-तस्करी में शामिल वाहन भी राजसात होगा. विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने संशोधन विधेयक पास किया था और अब राज्यपाल की सहमति के बाद इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है.
सीएम यादव ने पिछले महीने ही स्पष्ट कर दिया था कि गोवध की मंशा से गौवंश के परिवहन का अवैध कृत्य करने वाले वाहन कई बार अदालत से छूट जाते हैं. नियमों के उल्लंघन पर पकड़े गए वाहनों के केस में वाहनों को राजसात करने की कार्रवाई की जाएगी. वाहन जब्त होंगे और आरोपियों छोड़ा नहीं जाएगा.
सिवनी में मिले थे 50 से ज्यादा गायों के शव
बता दें कि जून में सिवनी के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 50 से ज्यादा गायों के शव मिले थे जिनके गले पर धारदार चीज से घाव के निशान थे. मामले में तीन आरोपियों पर NSA लगाकर जेल भेज दिया गया था. वहीं सिवनी जिले के कलेक्टर और एसपी को भी हटा दिया गया था.
क्या है नए विधेयक में खास?
जानकारी के मुताबिक इस नए विधेयक के अनुसार गौ-तस्करी करने वालों को 7 साल की सजा के साथ गो तस्करी में शामिल जो वाहन होगा उसे भी राजसात किया जाएगा. नए कानून के तहत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जो कड़े फैसले लिये थे. उनमें से एक गौवंस की रक्षा का भी फैसला था.
वैसे भी मध्य प्रदेश सरकार साल 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मना रही है. गौवंश को लेकर के कई बड़े फैसले राज्य सरकार कर रही है. उसी के तहत ये नया कानून भी लाया गया है. जिसे गौवंश सम्वर्धन और सुरक्षा कानून नाम दिया गया है. इसके तहट गौ तस्करों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.
आरोपी केवल कलेक्टर कोर्ट में लगा सकेंगे अर्जी
खास बात यह है कि जो आरोपी होंगे वो सिर्फ कलेक्टर कोर्ट में ही एक तरीके से अपनी याचिका लगा पाएंगे. कलेक्टर कोर्ट के अलावा किसी भी अन्य कोर्ट में आरोपी याचिका नहीं लगा पाएंगे. इसका नोटिफिकेशन भी अब जारी कर दिया गया है. यह वही विधेयक है. जिसे मानसून सत्र में सरकार ने गौवंश समवर्धन और सुरक्षा के लिए एक तरीके से विधेयक लाया गया था.
पुलिस की बढ़ जाएगी पावर
इस विधेयक के पास होने के बाद पुलिस को अब ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे. पुलिस जो है वो गोतस्करी में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ खुल कर कारवाई कर पाएगी. इसमें जो वाहन शामिल है. उन्हें भी राजसाद किया जाएगा. आपको बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार गोवंश की सुरक्षा को लेकर के कई फैसले कर रही है, इसी के तहत शनिवार देर शाम 5 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है. इसमें वरिष्ट अफसर भी शामिल हैं. मध्यप्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव से लेकर के प्रमुख सचिव तक अलग-अलग विभागों के और इसके तहत 15 दिनों का एक प्लान बनाया गया है.