बिलासपुर
छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने कार मे निर्माणगत त्रुटी के मामले में एक बड़ा आदेश पारित करते हुए निर्माता फोर्ड इंडिया कंपनी और विक्रेता जीके फोर्ड को संयुक्त रूप से जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने अपने फैसले में उपभोक्ता कार मालिक को कार की बीमित घोषित कीमत 29 लाख 13 हजार रूपये के साथ ही उस पर 23 अगस्त 2018 से छः प्रतिशत ब्याज, 25 हजार रूपये छतिपूर्ति राशि एवं 10 हजार रूपये वाद व्यय देने का आदेश पारित किया है। इसके अलावा विकल्प के तौर पर उसी मॉडल की नई कार देने का प्रविधानों भी आयोग ने अपने आदेश में किया है।
मामला नवंबर 2016 का है जब मेसर्स मां हरसिद्धी इंफ्रा डेव्हलपर्स के निर्देशक एल. बाबू राव जीके फोर्ड से नई एंडेवर स्टार डस्ट कार 30 लाख 97 हजार 47 रूपये में खरीदी थी। बारंटी अवधी के दौराम ही कार में एक दो महीने के अंतराल में बार-बार खराबी आने लगी। इस बात की जानकारी उपभाक्ता बाबू राओ ने कंपनी और डीलर दोनों को दी पर दोनों के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। एक बार गाड़ी बस्तर इलाके में बीच में बंद पड़ गई जिसे टो करके शोरूम तक ले जाना पड़ा। कई बार गाड़ी में खराबी का पता कंपनी के इंजीनीयर्स ही नही बता पाए तो कभी स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध न होने के कारण गाड़ी मरम्मत के लिए दो-दो महीने तक शोरूम मे ही रखी रही।
इस बात से क्षुब्ध होकर एल. बाबू राव ने अपने अधिवक्ता शिशिर श्रीवास्तव के माध्यम से माननीय आयोग के समक्ष एक परिवाद दायर किया। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ती गौतम चौरड़िया, सदस्य गोपालचंद्र शील एवं प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए सर्वप्रथम मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, रायपुर संभाग को विशेषज्ञ नियुक्त कर गाड़ी का निरीक्षण कर प्रतिवेदन पेश करने का आदेश दिया। विशेषज्ञ ने अपने प्रतिवेदन में वाहन में निर्माणगत त्रुटी होना पाया गया। लिहाजा प्रकरण के अभिलेख में आए साक्ष्यों के आधार पर आयोग द्वारा यह निर्णय पारित किया गया।