कांग्रेस को मध्य प्रदेश में बड़ा झटका, दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी BJP में होंगे शामिल
भोपाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी आज BJP में शामिल हो रहे हैं. कांग्रेस की सरकार में वो कई मंत्रालयों के केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं और लगातार चार बार राज्यसभा सांसद रहे. बता दें कि भोपाल स्थित बीजेपी दफ्तर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुरेश पचौरी का स्वागत किया.
मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि सुरेश पचौरी मध्य प्रदेश में कांग्रेस के राजनीति के संत हैं. ऐसे व्यक्ति का कांग्रेस में स्थान नहीं है, इसलिए उनको लगा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जाकर कुछ काम करने की जरूरत है. आज वो बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
कई और कांग्रेस नेता भी लाइन में…
सुरेश पचौरी के साथ बीजेपी में जाने वाले अन्य लोगों में धार से पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, इंदौर से पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पिपरिया से पूर्व विधायक विशाल पटेल, अर्जुन पालिया और एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल शर्मा शामिल हैं.
कैसा रहा है पचौरी का राजनीतिक सफर?
सुरेश पचौरी ने 1972 में एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1984 में राज्य युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने. वह 1984 में राज्यसभा के लिए चुने गए और 1990, 1996 और 2002 में फिर से चुने गए. एक केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन, और संसदीय मामले और पार्टी के जमीनी स्तर के संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे.
बीजेपी के खिलाफ दो बार हारे चुनाव
सुरेश पचौरी आज तक केवल दो बार ही चुनावी मैदान में उतरे. 1999 में उन्होंने भोपाल सीट से उमा भारती के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन भारी मतों से हार पाई. इसके बाद साल 2013 में दिवंगत नेता सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा को चुनौती दी. उस दौरान भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं सुरेश पचौरी
बता दें, सुरेश पचौरी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में उन्होंने रक्षा, कार्मिक, संसदीय मामले, सार्वजनिक शिकायत और पेंशन के साथ कांग्रेस पार्टी के जमीनी स्तर संगठन कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष भी रहे.
दो बार मैदान में उतरे और हारे
सुरेश पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर में केवल दो बार चुनाव लड़ा. साल 1999 में, उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उमा भारती को चुनौती दी और 1.6 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए. इसके अलावा उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में भोजपुर से शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री और दिवंगत सीएम सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए.