बड़ा एलान: मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने 10 से अधिक गाय पालने पर अनुदान देने की अनुमति
भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने 10 से अधिक गाय पालने पर अनुदान देने की घोषणा की है। मंगलवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में सीएम ने कहा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार खेती है। किसानों की जब आय बढ़ती है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। इसके लिए पशुपालन को महत्व दिया जा रहा है। जो किसान 10 से अधिक गाय पालेंगे, उन्हें अनुदान उपलब्ध दिया जाएगा।
कांजी हाउसों बनेंगे गोशाला
आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश पर आयोजित संगोष्ठी में सीएम ने कहा कि वृद्ध, अस्वस्थ, अपाहिज व असहाय गायों को पालने के लिए कांजी हाउसों को गोशाला के रूप में विकसित किया जाएगा। उपज के समान ही दूध पर बोनस उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी आरंभ की जा रही है। गोपालन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष नीति बनाई जा रही है।
आयुर्वेदिक केंद्रों का विकास
सीएम ने कहा, प्रदेश में आयुर्वेदिक औषधियों की भरपूर संपदा है। प्रदेश में आयुर्वेदिक केंद्र भी विकसित किए जाएंगे। लघु, कुटीर उद्योग तथा बहनों के स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने व आय में वृद्धि के लिए हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप किसान, महिला, युवा और गरीब को जोड़ते हुए, उन्हें सशक्त बनाते हुए मध्य प्रदेश आगे बढ़ेगा। पंचायतें भी आत्मनिर्भर होंगी और प्रदेश की समृद्धि को बढ़ाएंगी।
हर घर में जल और हर खेत में सिंचाई के लिए हो रहे हैं प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा, हर घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है। हर खेत में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था के उद्देश्य से स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार प्रयास किए जा रहे हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को 45-45 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। कालीसिंध-पार्वती और चंबल लिंक परियोजना की गतिविधियां आरंभ हो रही हैं।
पंचायतराज व्यवस्था को बनाएगा अधिक प्रभावी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आत्मनिर्भर पंचायत-समृद्ध मध्य प्रदेश पर संगोष्ठी पंचायतराज व्यवस्था को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने में मील का पत्थर सिद्ध होगी। कृषि को लाभकारी बनाने, हरित मध्य प्रदेश, शहरीकरण से पंचायतों पर प्रभाव, केंद्रीय योजनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही पेसा अधिनियम का क्रियान्वयन तथा वन क्षेत्र से लगी पंचायतों के सम्मुख चुनौतियों के साथ ही ई-पंचायत व्यवस्था और पंचायतों की कार्य प्रणाली में वित्तीय अनुशासन तथा पारदर्शिता आदि विषयों पर चर्चा होगी।