कवर्धा
ऐतिहासिक, पुरात्तव, धार्मिक, जनआस्था का प्रतीक भोरमदेव मंदिर में कंवरियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा पदयात्रा कर भगवान शिव में जलाभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कबीरधाम जिले में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भोरमदेव पदयात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई है। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने आज कवर्धा के प्रचीन बूढा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक होने वाले पदयात्रा की तैयारियों का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व , पुलिस और जनपद पंचायत के मुख कार्य पालन अधिकारियों को स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए है।
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर में सोमवार 10 जुलाई को बुढ़ा महादेव मंदिर से भोरमदेव मंदिर तक 18 किलोमीटर की पदयात्रा सुबह 7 बजे से प्रारंभ होगी। सदियों से चली आ रही यह पदयात्रा प्रशासनिक तौर पर आमजनों के सहयोग से कवर्धा के बुढ़ामहादेव मंदिर से 2008 से अनवरत जारी है। श्रद्धालुओं एवं पदयात्रियों के जन स्वास्थ्य सुविधा एवं विश्राम के लिए अन्य व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की गई है।
केबिनेट मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मंशानुरूप कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा इस पदयात्रा और पदयात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए स्वास्थ्य सहित अन्य सुविधाएं की तैयारियां पूरी कर ली गई है। साथ ही जिले से बाहर से आने वाले पदयात्रियों के लिए रोड़ मैप भी तैयार किया गया है। सम्पूर्ण पदयात्रा के लिए डीजे साउंड बाक्स तथा स्वास्थ्य विभाग का चलित एम्बुलेंस रहेंगा। श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था किया गया है। वन विभाग द्वारा ग्राम छपरी (गौशाला) एवं भोरमदेव मंदिर परिसर के अंदर वृक्षारोपण कराया जाएगा।