उत्तरप्रदेशराज्य

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान और बढ़ सकती है

लखनऊ
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान और बढ़ सकती है। कांग्रेस कई सीटों को लेकर अपना दावा बरकरार रखेगी।  सपा ने जिन 16 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा की है, उनमें खीरी, फैजाबाद व फर्रुखाबाद पर अपना दावा बनाए रहेगी। कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए सहारनपुर, अमरोहा, रामपुर समेत लगभग 22 सीटें अपने पाले में लाने के प्रयासों में जुटी है।

बंटवारे को लेकर कांग्रेस बनाएगी दबाव
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रूट को देखा जाए तो उसमें भी कांग्रेस की तैयारी वाली कई सीटें आ रही हैं और इन पर पार्टी अपना दावा बरकरार रखेगी। यात्रा के रूट को परखने के लिए बिहार से एक चार सदस्यीय टीम चंदौली पहुंची है, जो आगरा तक पूरे मार्ग को परखेगी और यात्रा की तैयारियों का जायजा लेगी। कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट रायबरेली व अमेठी के अलावा कानपुर, देवरिया, महाराजगंज, गोंडा, बाराबंकी, सुलतानपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़, खीरी, फर्रुखाबाद, रामपुर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, वाराणसी, झांसी, जालौन, सहारनपुर व अमरोहा की सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत मान रही है। ऐसे में वह कई सीटों पर बंटवारे को लेकर सपा व अन्य सहयोगी दलों पर पूरा दबाव बनाने का प्रयास करेगी।

एक दर्जन सीटों पर यात्रा का सीधा प्रभाव
राहुल गांधी की यात्रा के रूट वाले 20 जिलों की बात करें तो उनमें पड़ने वाली लोकसभा सीटों में वाराणसी, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, खीरी, शाहजहांपुर, मुरादाबाद व रामपुर शामिल होंगी। यात्रा रूट के 20 जिलों की सीमा से सटे 26 जिलों की बात की जाए तो उनमें फर्रुखाबाद, सुलतानपुर, फैजाबाद व बाराबंकी भी पड़ेंगे। ऐसे में लगभग एक दर्जन सीटों पर यात्रा का सीधा प्रभाव पड़ेगा।

सपा-कांग्रेस के बीच अभी भी खींचतान
माना जा रहा है कि गठबंधन में सीटों के बनते-बिगड़ते समीकरणों को देखते हुए भी यात्रा के रूट को नए सिरे से परखा भी जा रहा है। सपा ने जो 16 सीटें घोषित की हैं, उनमें यात्रा के रूट पर खीरी की सीट पड़ रही हैं, जबकि यात्रा रूट से सटे जिलों में फर्रुखाबाद व फैजाबाद की सीटें पड़ेंगी। इन सीटों को लेकर सपा-कांग्रेस के बीच अभी खींचतान होगी। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय का कहना है कि गठबंधन का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है। आपसी समन्वय व एक-दूसरे की स्थिति को देखकर ही सीटों का बंटवारा होना चाहिए।

श्रीरामलला के दर्शन करने जा सकते हैं राहुल
राहुल की यात्रा फैजाबाद को छूते हुए गुजरेगी। इस बात की भी पूरी संभावना है कि राहुल गांधी अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन करने भी जा सकते हैं।

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