मेरठ के युवाओं को भा रहा मधुमक्खी पालना, कृषि विवि में चार साल तक कर रहे कोर्स
मेरठ
कोरोना महामारी के दौरान इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर घर- घर में शहद का प्रयोग जरूरी हो गया है। शहद की बढ़ती मांग और रोजगार की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए मेरठ के युवाओं में मधुमक्खी पालन का रुझान बढ़ने लगा है। कृषि विश्वविद्यालय में बीते चार साल में इस कोर्स में आवेदन करने वालों को संख्या 30 फीसदी तक बढ़ी है। मधुमक्खी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर वर्ष 20 मई को दुनिया भर में मधु मक्खी दिवस का आयोजन किया जाता है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2014 में इसे मनाया गया था।
किसान भी चुन रहे राह
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ शहरी क्षेत्रों के किसान भी अब मधुमक्खी पालन को व्यवसाय के तौर पर अपनाने लगे हैं। कृषि विवि और जिला उद्यान विभाग द्वारा किसानों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए सत्र आयोजित कर किसानों को मधुमक्खी पालन को सभी बारीकियों के बारे में बताया जाता है।
कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगा शोध
केंद्र मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक और शहद के साथ ही इससे अन्य उत्पादों को तैयार करवाने को लेकर कृषि विश्व विद्यालय में जल्द ही शोध केंद्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिया विवि प्रबंधन द्वारा नई दिल्ली स्थित बी बोर्ड और उत्तर प्रदेश सरकार को परियोजना तैयार कर प्रस्ताव भेजा है। इस पर मंजूरी मिलते ही विवि में प्रशिक्षण और शोध केंद्र स्थापित किया जाएगा।
मेरठ के जिला उद्यान अधिकारी, गमपाल सिंह ने कहा कि मधुमक्खी पालन को लेकर किसानों में भी रुझान बढ़ रहा है। हम उन्हें तकनीकी स्तर पर इसकी जानकारी देकर व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित करते हैं। जिन क्षेत्रों में बाग -बगीचे अधिक होते हैं वहां मधुमक्खी पालन सफल रहता है।
इटेलियन पसंदीदा प्रजाति
विशेषज्ञों के मुताबिक सबसे अधिक जोर इटेलियन मधुमक्खी को पालने पर दिया जा रहा है। इसके द्वारा प्रति बॉक्स 30 से 40 किलो शहद का उत्पादन किया जा सकता है। साथ ही इस मक्खी को पालना भी सुरक्षित रहता है। अन्य प्रजातियों द्वारा शहद के उत्पादन कम होने के साथ ही उनमें आक्रमकता दर भी अधिक होती है।
कृषि विवि के कुलपति, केके सिंह ने कहा कि मधुमक्खी पालन को लेकर युवा आगे आ रहे हैं। इस क्षेत्र को विस्तार देने और तकनीकी स्तर पर इसे और मजबूत बनाने के लिए हमने शासन को शोध केंद्र स्थापित करवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसे चालू करवाया जायेगा।