अयोध्या बायपास रोड होगा 8 लेन में तब्दील
भोपाल.
राजधानी के रत्नागिरी तिहारे से लेकर राजा भोज एयरपोर्ट को जोड़ने वाला अयोध्या बायपास फोरलेन रोड अब जल्द ही आठ लेन हो जाएगा। इस प्रस्ताव को केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से हरी झंडी दे दी। इसके निर्माण पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। वर्तमान में फोरलेन अयोध्या बायपास रोड को आठ लेन सड़क में तब्दील करने का काम तीन चरणों में पूरा होगा। आठ लेन सड़क बनने के बाद इस रोड से लोग 50 मिनट का सफर 25 मिनट में पूरा कर सकेंगे। इससे तीन लाख से ज्यादा आबादी को सीधा फायदा होगा।
अयोध्या बायपास रोड के दोनों तरफ तेजी से कॉलोनियों का विकास और बढ़ती कमर्शियल एक्टीविटीज बढ़ने से रोड के चौड़ीकरण की जरूरत को देखते हुए इसे आठ लेन में परिवर्तित किया गया है। हाल ही में स्थानीय विधायक ने इस संबंध दिल्ली जाकर केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसके बाद इस संबंध में निर्माण कार्य को लेकर प्रक्रिया जारी होने की बात कही जा रही है।
मिसरोद से बीयू तक बनेगा एलिवेटेड कॉरिडोर
पहला फ्लाईओवर नर्मदापुरम् रोड पर बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से मिसरोद थाने तक बनेगा। यह 5.5 किमी लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर होगा, जो नागपुर में बने डबल डेकर एलिवेटेड फ्लाईओवर जैसा होगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर (4 लेन) होगी, जबकि इस पर 385 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो सकते हैं। डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से सबसे नीचे सड़क, उसके ऊपर फ्लाईओवर और तीसरे लेयर पर मेट्रो ट्रैक बनेगा। सबसे नीचे सड़क से आसपास की कॉलोनियों को फायदा होगा। इसके ऊपर की रोड से नागपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, जबलपुर, पचमढ़ी, होशंगाबाद, बैतूल की ओर लोग सीधे जा सकेंगे।
वहीं, दूसरा फ्लाईओवर रायसेन रोड स्थित आनंद नगर तिराहे के पास बनेगा। ये आकाशवाणी माइक्रो वेव टॉपर से राज वेदांता स्कूल तक बनेगा। इसकी लंबाई करीब 1350 मीटर यानी 1.3 किलोमीटर होगी। इसकी चौड़ाई 15 मीटर (4 लेन) होगी। इसकी अनुमानित लागत 80.68 करोड़ रुपए होगी। आनंद नगर शहर का एंट्री गेट है, जिसके आसपास 5 लाख की आबादी रहती है।
नए और पुराने शहर से जुड़ाव
अयोध्या बायपास का सीधा जुड़ाव नए और पुराने शहर से है। होशंगाबाद रोड, इंदौर, रायसेन राजमार्ग से जुड़ाव होने के कारण इस पर हेवी ट्रैफिक बीते पांच सालों में काफी बढ़ गया है। रत्नागिरी से भानपुर, करोंद, नई जेल के आसपास 300 से ज्यादा कॉलोनियां और अपार्टमेंट, कमर्शियल सेंटर, ग्रामीण इलाकों से सीधी कनेक्टिविटी हो गई है।