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ऑस्ट्रेलियाई वीजा की फीस 125 फीसदी बढ़ी, बदलावों से टेंशन में भारतीय

नई दिल्ली
 ऑस्ट्रेलिया ने विदेशी छात्रों को वीजा जारी करने के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए विदेशी छात्रों को अब वीजा मिलना पहले से मुश्किल हो गया है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित भारतीय होंगे। इन नियमों को लेकर ऑस्ट्रेलियाई गृह मंत्री क्लेर ओ नील ने कहा था कि इन बदलावों से हाउसिंग मार्केट पर पड़ रहे दबाव को थोड़ा कम किया जा सकेगा। ऑस्ट्रेलिया में 30 सितंबर 2023 तक माइग्रेशन 60 प्रतिशत बढ़कर 5,48,800 हो गया था। 1 जुलाई से सरकार वो रास्ते बंद कर देगी जिसके तहत विजिटर वीजा और अस्थायी स्नातक वीजा होल्डर अब ऑनशोर स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में कुछ भारतीय अक्सर 'चोर दरवाजे' से यानी टूरिस्ट वीजा लेकर आते हैं और वहां पर किसी कॉलेज में दाखिला लेकर स्टडी वीजा हासिल कर लेते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या 1.5 लाख पार

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 2022-23 में 30 हजार से बढ़कर 150,000 से ज्यादा हो गई है। एक जुलाई 2023 से मई 2024 के अंत तक 36,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। 2022 में ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों में एक लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ रहे थे। जनवरी से सितंबर 2023 की अवधि में यह संख्या 1.22 लाख थी। अब इन्हें ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे। ऑस्ट्रेलिया की 2021 की जनगणना के अनुसार, देश में 9,76,000 भारतवंशी रह रहे थे।

पहला बदलाव: 40 से 90 हजार रुपए हुई वीजा फीस

ऑस्ट्रेलियाई वीजा के लिए प्रॉसेसिंग फीस दोगुनी से ज्यादा बढ़ा दी गई है। यह बढ़ोतरी करीब 125 फीसदी है। पहले जहां यह फीस करीब 39,546 रुपए थी, वहीं अब यह बढ़कर 89,118 रुपए हो गई है।
दूसरा बदलाव: छात्रों को ज्यादा बचत रखनी होगी

नई वीजा पॉलिसी में ऑस्ट्रेलिया में एंट्री के लिए एक छात्र के पास बचत के रूप में जरूरी सेविंग अमाउंट को बढ़ा दिया गया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अब यह जरूरी कर दिया है कि छात्रों के पास ऑस्ट्रेलिया में रहन-सहन का खर्च उठाने के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा बचत होनी चाहिए, जो ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन का 75% होगा। विदेशी छात्रों को ऑस्ट्रेलियन वीजा के लिए क्वॉलीफाई करने के लिए कम से कम 16,29,964 रुपए की बचत दिखानी होगी। सरकार का ये कहना है कि ये बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के दौरान ज़रूरी खर्च निकाल सकें। ये बदलाव वैसे तो बीते 10 मई से लागू हो गए थे, मगर अब 1 जुलाई से नए बदलावों के साथ पूरी तरह से लागू कर दिए गए हैं।

तीसरा बदलाव: इंग्लिश टेस्ट बना बेहद मुश्किल

ऑस्ट्रेलियाई वीजा पाने के लिए अब इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट में भी अच्छे नंबर लाना जरूरी कर दिया गया है। टेंपररी ग्रेजुएट वीजा आवेदकों के लिए IELTS स्कोर को 6.0 से बढ़ाकर 6.5 कर दिया गया है। जो लोग भी यह वीजा अप्लाई करना चाहते हैं, उन्हें इस टेस्ट में मिनिमम 6.0 अंक तो लाना ही होगा। सरकार छात्रों को ऐसे तरीके अपनाने से रोक रही है जिनसे वो अपना वीजा एक्सटेंड करवा सकें।

चौथा बदलाव: टेंपररी ग्रेजुएट वीजा की उम्र घटी

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने छात्रों के लिए टेंपररी ग्रेजुएट वीजा (TGV) की उम्र भी घटा दी। पहले यह उम्रसीमा 50 साल हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 35 साल रह गई है। यह नियम भी 1 जुलाई से लागू हो चुका है।
पांचवा बदलाव: ऑस्ट्रेलिया में रहकर वीजा आवेदन नहीं

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने वीजा पाने की राह में एक और बाधा खड़ी कर दी है। अब ऑस्ट्रेलिया में वीजा के लिए आवेदन करना मान्य नहीं है। इसके लिए विदेश में अप्लाई करना होगा या प्रवासियों को अपने देश से ही करना होगा। इससे पहले विजिटर वीजा और टेंपररी ग्रेजुएट वीजा हासिल करने वाले लोग ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए ही स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन कर दिया करते थे। यह नियम भी 1 जुलाई से लागू हो गया है।
छठां बदलाव: जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट लागू, बेहद सख्त

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने वीजा नियमों में एक नियम और जोड़ा है, वो है जेनुइन स्टूडेंट टेस्ट। यह टेस्ट सही छात्रों की पहचान करेगा। यह पहले के जेनुइन टेंपररी एनट्रैंट की जगह लेगा। इससे ऐसे लोगों पर रोक लगेगी, जो स्टूडेंट वीजा के बहाने ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं।

1 जुलाई से पहले के आवेदनों पर नहीं पड़ेगा असर

ऑस्ट्रेलिया में अभी आगंतुक, अस्थायी स्नातक वीजा होल्डर और दूसरे तरह के वीजा होल्डर्स अब नए नियमों के तहत छात्र वीजा के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। हालांकि, 1 जुलाई, 2024 से पहले ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही जमा किए गए छात्र वीज़ा आवेदनों पर इन नियमों से कोई असर नहीं पड़ेगा।
पर्यटक वीजा पर रहने की अवधि अधिकतम 12 महीने तक

भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलियाई पर्यटक वीजा शुल्क 90 दिनों की अवधि के लिए लगभग 14,100 रुपए है, जिसकी वैधता 90 दिनों की है। हालांकि, वीजा फीस में बदलाव हो सकता है, जिसे वापस नहीं किया जा सकता है। पर्यटक वीज़ा पर रहने की अवधि अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आम तौर पर यह 3, 6 या 12 महीने तक रहने की अनुमति देता है।

अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा से भी महंगा हुआ स्टूडेंट वीजा

नए बदलाव के बाद ऑस्ट्रेलिया में स्टूडेंट वीजा लेना अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा से भी महंगा हो गया है। अमेरिका में अभी स्टूडेंट वीजा की फीस करीब 15,433 रुपए है, वहीं, कनाडा में यह करीब 9,178 रुपए, ब्रिटेन में 51,732 रुपए है। ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने कहा कि इन बदलावों से वीजा नियमों में खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी। इससे वास्तविक छात्रों को ही वीजा मिल सकेगा।

क्यों सख्त हुआ ऑस्ट्रेलिया में वीजा नियम, क्या दिए तर्क

प्रवासियों की तेजी से बढ़ती हुई संख्या पर रोक लगाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह कदम उठाया है। दरअसल, लोग सैर-सपाटे के लिए ऑस्ट्रेलिया आते हैं और बाद में अपना टूरिस्ट वीजा स्टडी वीजा में तबदील करवा लेते हैं। वहां पर कॉलेजों में दाखिला लेकर वर्क वीजा हासिल कर लेते हैं। बाद में उन्हें टेंपररी यानी अस्थायी वीजा मिल जाता है, जिसे टी-वीजा कहते हैं।

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