अतीक अहमद पर 100 मुकदमे, 5 में बरी, खूनी खेल में अब तक सजा नहीं
प्रयागराज
अतीक अहमद के खिलाफ विभिन्न थानों में 101 मुकदमे दर्ज हैं। हत्या और अपहरण के संगीन मुकदमों की जांच पुलिस के अलावा सीबीसीआईडी और सीबीआई भी कर चुकी है। पिछले चार दशक से प्रयागराज में खूनी खेल खेलने वाले अतीक अहमद को कोई भी एजेंसी अभी तक सजा नहीं दिला सकी है। सीबीआई कोर्ट से भी अतीक सनसनीखेज मर्डर के मामले में बरी हो चुका है। अतीक अहमद के करीबी बताते हैं कि बिहार में दर्ज अपहरण और हत्या के मामले में भी वह क्लीनचिट पा चुका है, जिसका प्रयागराज पुलिस के आपराधिक रिकॉर्ड में जिक्र नहीं है।
1995 : सीबीआई कोर्ट से बरी
नवाबगंज के रहने वाले वकील मुस्तफा के दो भाइयों की हत्या हुई थी। उन्होंने शातिर अपराधी अख्तर पर आरोप लगाया था। अख्तर और वकील मुस्तफा के बीच टशन चल रही थी। एक दिन अख्तर ने कचहरी परिसर में वकील पर हमला कर दिया। मौके पर मौजूद वकीलों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। 4 अप्रैल 1995 को जेल के सिपाही नाहर सिंह यादव आरोपी अख्तर को लेकर कचहरी पहुंचा था। उसी वक्त कलक्ट्रेट परिसर में एक कार पहुंची। कार में सवार दो युवक बाहर निकले और उन्होंने अख्तर पर गोलियां बरसा दीं। कार के अंदर भी दो शूटर थे। पुलिस ने घेराबंदी कर गोलियां चलाईं। सिपाही ने चारों आरोपियों को मौके पर मार गिराया। इस मुकदमे की अग्रिम विवेचना में अतीक अहमद का नाम प्रकाश में आया। अतीक अहमद ने हाईकोर्ट से मदद मांगी, जिसके बाद इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। फरवरी 2017 में सीबीआई कोर्ट ने अतीक अहमद को बरी कर दिया। 11 नामजद में छह को आजीवन कारावास हुई थी। तीन आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी थी।
2003 : नीटू सरदार की हत्या में कोई गवाह सामने नहीं आया
कपड़ा व्यापारी नीटू सरदार की सिविल लाइंस में 2003 में हत्या कर दी गई थी। वह स्कूटी से अपने घर जा रहे थे। इस मुकदमे के 15 साल बाद यानी 2018 में फैसला आया। विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए अतीक अहमद और उनका बेटा भी मौजूद था। अतीक अहमद के खिलाफ कोई भी गवाह कोर्ट के सामने नहीं आया। अतीक अहमद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले नीटू सरदार के पिता भी गवाही नहीं दे पाए थे। 2004 में उनकी मौत हो गई थी। इस केस में मृतक नीटू सरदार की पत्नी जितेंद्र कौर, मां परमदीप कौर सहित कोर्ट के सामने जितने भी गवाह पहुंचे, किसी ने भी घटना का समर्थन नहीं किया। अतीक अहमद कोर्ट से बरी हो गया।
2001 : बंगाली होटल से अगवा और रंगदारी केस हो गया डिस्पोज
शाहगंज थाने में 2001 में एक व्यापारी को अगवा कर रंगदारी मांगने व मारपीट करने की एफआईआर दर्ज हुई थी। चार साल बाद अतीक अहमद समेत अन्य के खिलाफ पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। इस केस से जुड़े अधिवक्ता गुड्डू नसीम ने बताया कि गैंगस्टर के तहत भी कार्रवाई हुई थी। इस मामले में अतीक अहमद और पूर्व विधायक परवेज अंसारी समेत अन्य आरोपी डिस्पोज कर दिए गए थे। उनके खिलाफ कोई भी अपराध नहीं बन रहा था।