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देश में इस समय 834 लोगों पर केवल एक डॉक्टर मौजूद, 80 फीसदी डॉक्टर एलोपैथिक, पढ़ें ये रिपोर्ट

नई दिल्ली
भारत में डॉक्टर की जनसंख्या का अनुपात (ratio) 1:834 हो गया है। इसका मतलब यह है कि देश में एक डॉक्टर 834 लोगों का इलाज कर रहा है।  स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने  राज्यसभा में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों की संख्या 80 प्रतिशत है। वहीं, आयुष डॉक्टर की संख्या 5.65 लाख है। इसके अलावा देश में 36.14 लाख नर्सिंग कर्मी हैं, जिससे नर्स-जनसंख्या अनुपात 1:476 हो गया है। आसान भाषा में समझें तो 476 लोगों पर केवल 1 नर्स है।

अब तक कितने डॉक्टर हुए रजिस्टर्ड
पवार ने लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के अनुसार, जून, 2022 तक राज्य चिकित्सा परिषदों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के साथ 13,08,009 एलोपैथिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हुए हैं। रजिस्टर्ड एलोपैथिक डॉक्टरों और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए, देश में डॉक्टर की जनसंख्या अनुपात 1:834 हो गई है।

मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ी
पवार ने यह भी कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है। इससे एमबीबीएस की सीटें भी बढ़ी हैं। मेडिकल कॉलेजों में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014 से पहले 387 से बढ़कर अब 706 हो गई है।

इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 2014 से पहले 51,348 से 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अब 1,08,940 हो गई है। मंत्री ने कहा कि पीजी सीटें 2014 से पहले 31,185 से बढ़कर 127 प्रतिशत हो गई हैं और अब इसकी संख्या 70,674 हो गई हैं।

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