महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान हो सकता जल्द, देश की 50 सीटों पर उपचुनाव हो सकता है
नई दिल्ली
देश में 'एक देश एक चुनाव' के मुद्दे पर बात हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत केंद्र सरकार इस पर जोर दे रही है और मंथन चल रहा है। लेकिन इस बीच देश चुनाव में ही बिजी है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को ही आए हैं और अब इलेक्शन के नए राउंड का ऐलान एक सप्ताह के अंदर हो सकता है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 18 अक्टूबर तक कभी भी महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान हो सकता है। इसके साथ ही यूपी, बंगाल, असम और राजस्थान समेत देश की 50 सीटों पर उपचुनाव हो सकता है।
महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर तक है। ऐसे में नई राज्य सरकार का गठन इससे पहले ही हो जाना चाहिए। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने अपील की है कि 15 नवंबर के बाद ही चुनाव का आयोजन हो। इसलिए क्योंकि 31 अक्टूबर को चुनाव है और फिर अगले कुछ दिन तक अन्य त्योहार हैं। यही नहीं देव दीपावली भी बड़े पैमाने पर मनाई जाती है। इसलिए 15 नवंबर के बाद ही चुनाव हो। ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग के पास कम ही दिन का समय होगा और उसे 20 नवंबर तक किसी भी तरह मतदान कराना होगा ताकि अगले कुछ दिनों में नई सरकार का गठन हो सके।
इसके लिए एक ही राउंड में महाराष्ट्र में चुनाव कराए जा सकते हैं। आमतौर पर राज्य में चुनाव कई राउंड में होते रहे हैं। लेकिन इस बार पुलिस प्रशासन और सरकार का दावा है कि हम एक राउंड में ही चुनाव करा लेंगे। इसके लिए सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था भी हो जाएगी। दरअसल महाराष्ट्र में 2019 में भी एक ही राउंड में मतदान हुआ था। महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड में भी चुनाव हो सकता है। हालांकि झारखंड के लिए फिलहाल वक्त है और वहां 5 जनवरी तक मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल है।
इनके अलावा 50 सीटों के उपचुनाव भी आयोग को कराने होंगे। दरअसल 18वीं लोकसभा में कई लोग सांसद बन गए हैं, जो विधायक थे। नियम के अनुसार 6 महीने के अंदर ही खाली सीटों पर चुनाव हो जाना चाहिए। इस लिहाज से नवंबर तक रिक्त सीटों पर नए सदस्य चुने जाने चाहिए। रिक्त सीटों की बात करें तो यूपी में सबसे ज्यादा 10, बंगाल में 6, असम और राजस्थान में 5-5 सीटें खाली हैं। इसके अलावा बिहार और राजस्थान में 4-4 सीटें खाली हैं। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में भी तीन सीटें खाली हैं। दिलचस्प बात यह है कि इन चुनावों के बाद दिल्ली में भी इलेक्शन की तैयारी शुरू हो जाएगी। वहां 5 फरवरी तक ही विधानसभा का कार्यकाल है।