अश्विन हुए बाहर, क्या 10 खिलाड़ियों के साथ भारत खेलेगा राजकोट टेस्ट, ये हैं नियम
राजकोट
राजकोट टेस्ट में 500 विकेट लेकर इतिहास रचने वाले रविचंद्रन अश्विन टीम इंडिया से बाहर हो गए हैं, वजह है उनके परिवार में फैमिली इमरजेंसी. ऐसे में अश्विन के बगैर क्या टीम इंडिया 10 खिलाड़ियों के साथ ही मैदान में उतरेगी. आइए आपको बताते हैं.
अश्विन के बाहर होने पर BCCI ने एक प्रेस रिलीज जारी की. जिसमें बताया गया कि अश्विन अपने परिवार में मेडिकल इमरजेंसी के कारण टेस्ट मैच में आगे हिस्सा नहीं लेंगे.
बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा- इस गंभीर परिस्थिति में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और टीम के साथी प्लेयर्स और स्टाफ समेत सभी सदस्यों का रविचंद्रन अश्विन और उनके परिवार को पूरा सपोर्ट है. बीसीसीआई ने कहा कि खिलाड़ियों और उनके परिवार का स्वास्थ्य सबसे जरूरी है.
वहीं बीसीसीआई ने फैन्स और अन्य लोगों से यह भी अपील की है कि वो प्लेयर्स और उनके फैमिली की प्राइवेसी बनाए रखें, क्योंकि वो इस समय कठिन समय से गुजर रहे हैं. BCCI और टीम अश्विन को ऐसी स्थिति में हर सुविधा देना जारी रखेगी. कोई भी जरूरत होगी, तो उसके लिए अश्विन से बातचीत जारी रहेगी.
अश्विन की मां की तबीयत है खराब, इसलिए बाहर हुए…
राजकोट टेस्ट से अश्विन क्यों बाहर हुए इसकी वजह सामने आ गई है, दरअसल, उनकी मां चित्रा की तबीयत खराब है. इस वजह से वो टेस्ट मैच से बाहर हुए हैं. इस बात की पुष्टि BCCI के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने की. शुक्ला ने अश्विन की मां की सेहत को लेकर X पर एक पोस्ट शेयर किया. राजीव शुक्ला ने लिखा- अश्विन की मां के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उनको मां के पास रहने के लिए राजकोट टेस्ट छोड़कर चेन्नई जाना पड़ा.
अश्विन ने राजकोट टेस्ट में 500 विकेट लेकर इतिहास रचा था. राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन (16 फरवरी) ही अश्विन ने जैक क्राउली को अपना 500वां शिकार बनाया. इस तरह वो टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं. अश्विन से आगे सिर्फ पूर्व स्पिनर दिग्गज अनिल कुंबले हैं, जिन्होंने 619 विकेट झटके.
अश्विन के बिना क्या 10 खिलाड़ियों के साथ खेलेगी टीम इंडिया?
हालात के मुताबिक अगर अश्विन नहीं लौटते हैं तो टीम इंडिया को राजकोट टेस्ट के बाकी बचे मैचों में केवल दस खिलाड़ियों के साथ खेलना होगा. रोहित ब्रिगेड अपनी पूरी प्लेइंग इलेवन के साथ मैदान में नहीं उतर पाएगी. हां, ये जरूर है कि भारतीय टीम अश्विन की जगह किसी सब्स्टीट्यूट को उतार सकेगी, लेकिन वो खिलाड़ी न तो बल्लेबाजी कर पाएगा और न ही गेंदबाजी.
ICC के नियम क्या कहते हैं?
वैसे तो सब्स्टीट्यूट खिलाड़ियों को लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने विस्तार से नियम बनाए हैं. लेकिन इस बारे में हम आपको आसान भाषा में समझाने जा रहे हैं. ICC के नियम कहते हैं कि मौजूदा परिस्थति में केवल एक सब्स्टीट्यूट प्लेयर को मैदान में उतरने की अनुमति मिलेगी, वो भी अंपायर की अनुमति के बाद..
ऐसे में ICC का नियमों का ड्राफ्ट (FULL DRAFT OF ICC RULE) क्या है, वो स्टेपवाइज आपको बता रहे हैं.
– आईसीसी के नियम तय करते हैं कि खिलाड़ी को अंपायर के साथ बातचीत करनी होगी, इसके बाद ही सब्स्टीट्यूट प्लेयर को मैदान में उतरने की अनुमति मिलेगी.
– 24.1.1: ICC रूल्स के मुताबिक सब्स्टीट्यूट फील्डर के लिए अंपायर अनुमति देंगे.
– 24.1.1.1: यदि अंपायर संतुष्ट हैं कि एक फील्डर घायल हो गया है या बीमार हो गया है और यह मैच के दौरान हुआ है,
या
-24.1.1.2: किसी अन्य पूर्णतः स्वीकार्य कारण से, इसके इतर दूसरी सभी परिस्थितियों में, किसी सब्स्टीट्यूट फील्डर की अनुमति नहीं है.
– 24.1.2: कोई सब्स्टीट्यूट फील्डर गेंदबाज़ी नहीं करेगा या कप्तान के रूप में कार्य नहीं करेगा, बल्कि केवल अंपायरों की सहमति से विकेटकीपर के रूप में कार्य कर सकता है.
– यहां ये बात ध्यान देने की जरूरत है कि मेडिकल आधार पर अश्विन के मैदान से बाहर रहने पर अंपायरों को कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा.
– प्लेइंग सब्स्टीट्यूट को तभी अनुमति दी जाती है, जब कोई खिलाड़ी कोविड-19 या कन्कशन (चोट लगना) की वजह से बाहर हुआ हो.
कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल्स
Concussion Substitute Rule: आईसीसी के वर्तमान रूल्स में एक ऑन-फील्ड प्लेयर मौजूदा टीम में उनकी ही तरह समान प्लेयर (Like-for Like Player) को बतौर सब्स्टीट्यूट की अनुमति देते हैं. लेकिन यहां यह ध्यान देना चाहिए कन्कशन सब्स्टीट्यूट रूल्स (Concussion Substitute Rule) तभी लागू होता है, जब अश्विन को मौजूदा टेस्ट मैच के दौरान चोट होती. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसलिए मैच के दौरान लाइक फॉर लाइक सब्स्टीट्यूट (Like-for-like substitution) की अनुमति नहीं होगी.
अश्विन की गैरमौजूदगी में क्या हैं भारत के पास ऑप्शन
अश्विन की गैरमौजूदगी में, भारत के पास इस टेस्ट के बाकी मैचों के लिए फ्रंटलाइन स्पिन विकल्प के रूप में अब रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव बचे हैं. अश्विन की अनुपस्थिति मौजूदा टेस्ट मैच के दौरान एक बड़ा प्रभाव डालेगी, क्योंकि वो बल्ले के साथ टीम में एक ऑलराउंडर की तरह काम करते हैं. अश्विन ने राजकोट मैच की पहली पारी में 89 गेंदों पर 37 रन बनाए, जिससे भारत की पहली पारी 445 रनों के मजबूत स्कोर तक पहुंच सकी. वहीं राजकोट टेस्ट की अंतिम पारी में भारत को उनकी कमी खलेगी. वाइजैग में पिछले टेस्ट में अश्विन ने अंतिम पारी में 3 विकेट लिए थे, जिससे भारत को टेस्ट सीरीज में वापसी में मदद मिली.
अश्विन टेस्ट क्रिकेट में गेंद के अलावा बल्ले से भी कई मौकों पर भारत के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेल चुके हैं. नवंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले अश्विन ने अब तक 98 टेस्ट मैचों की 139 पारियों में 26.67 की औसत से 3308 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से पांच शतक और 14 अर्धशतक निकले. अश्विन ने चार शतक वेस्टइंडीज और एक शतक इंग्लिश टीम के खिलाफ लगाया है.
अश्विन ने राजकोट में पूरे किए 500 विकेट
मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका 1992-2010): 133 टेस्ट- 800 विकेट
शेन वॉर्न (ऑस्ट्रेलिया 1992-2007): 145 टेस्ट- 708 विकेट
जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड 2003-2023): 185* टेस्ट- 696* विकेट
अनिल कुंबले (भारत 1990-2008): 132 टेस्ट- 619 विकेट
स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड 2007-2023): 167 टेस्ट- 604 विकेट
ग्लेन मैक्ग्रा (ऑस्ट्रेलिया 1993-2007): 124 टेस्ट- 563 विकेट
कर्टनी वॉल्श (वेस्टइंडीज 1984-2001): 132 टेस्ट- 519 विकेट
नाथन लायन (ऑस्ट्रेलिया 2011-2023): 127* टेस्ट- 517* विकेट
रविचंद्रन अश्विन (भारत 2011-2023): 98* टेस्ट- 500* विकेट