अशोक गहलोत ने निभाया अपना वादा, प्रदेश में न्यूनतम आय गारंटी अधिनियम से मिलेगी आमजन को सुरक्षा
राजस्थान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भले ही सत्ता वापसी के लिए प्रदेश की जनता को सौगाते दे रहे हो। लेकिन उनके द्वारा दी गई सौगातें मिसाल कायम करती जा रही है। सीएम गहलोत जिन योजनाओं की घोषणाएं कर रहे हैं। उनसे निश्चित तौर पर प्रदेश की जनता लाभांवित होती जा रही है। आने वाले कई सालों तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कामकाज को याद रखा जाएगा। इसी कड़ी में गहलोत सरकार ने पिछले दिनों विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी विधेयक-2023 पारित करवा लिया है। अब राजस्थान में ग्रामीण और शहरी परिवारों को साल में 125 दिन रोजगार मिलना तय हो गया है। राजनीति के जानकारों की मानें तो इस विधेयक के कानून बनने के बाद राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत वृद्ध, विशेष योग्यजन, विधवा या एकल महिला लाभार्थियों को हर महीने न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन मिलेगी। सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से ऐसा करने वाला राजस्थान देश में पहला राज्य बन गया है।
अब हर परिवार को मिलेगा 125 दिन का रोजगार
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अभी मनरेगा के तहत 100 दिवस की रोजगार गारंटी है। 100 दिन के रोजगार को पूरा करने वाले परिवारों को अब नए कानून के मुताबिक मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक वर्ष में 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार मिल सकेगा। वहीं शहरी क्षेत्रों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रति परिवार को 125 दिन का रोजगार मिल सकेगा। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से मात्र 200 से 300 रुपए प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है. जबकि राजस्थान सरकार एक हजार रुपए दे रही है। राज्य में पूर्व में सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कई वर्षों तक वृद्धि भी नहीं होती थी।
पेंशन में होगी बढ़ोतरी
महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के रोजगार और वृद्धावस्था-विशेष योग्यजन, विधवा, एकल महिला के पात्र 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए के 1000 रुपए के मासिक पेंशन के लिए यह कानून होगा। इसके लिए 2500 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रवाधान किए गए हैं। उसमें समय के साथ हर साल 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से दो किस्तों में यानी जुलाई में 5 प्रतिशत और जनवरी में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। बढ़ोतरी की जा सकेगी। राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ही 2019 में छह वर्षों के बाद पेंशन राशि में वृद्धि की थी। इस कानून के अमल आने के बाद अब पेंशन में हर साल अपने आप 15 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी।