Asaram केस: 6 आरोपियों की रिहाई को चुनौती, 10 साल पुराने मामले में हाईकोर्ट जाएगी
गुजरात
गुजरात सरकार 2013 का आसाराम रेप केस फिर सुर्खियों में है। निचली अदालत ने इस मामले के 6 आरोपियों को रिहा कर दिया था। इस फैसले को चैलेंज करने के लिए आसाराम केस की अहम डेवलपमेंट के तहत गुजरात सरकार हाईकोर्ट जाएगी।
दुष्कर्म मामले से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, गुजरात सरकार ने 2013 के बलात्कार के एक मामले में स्वयंभू संत आसाराम की पत्नी, उनकी बेटी और उनके चार शिष्यों को बरी करने के फैसले को चुनौती देगी। सरकार ने उच्च न्यायालय का रुख करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के कानून विभाग ने ट्रायल कोर्ट के छह आरोपियों को बरी करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने का फैसला किया है। गुजरात के गांधीनगर की एक अदालत ने इसी साल जनवरी में आसाराम को 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गुरुवार को अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आसाराम को यौन उत्पीड़न मामले में धारा 376 और 377 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा कि अदालत ने पीड़िता को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने का आदेश दिया था।
दिल्ली पुलिस के हाथ लगा अहम सबूत, अब नहीं बच पाएगा हैवान साहिल 2013 के मामले में सूरत की एक लड़की ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था। मामले में 68 लोगों के बयान लिए गए। आसाराम समेत कुल सात आरोपी थे। अब रिहा किए गए आरोपियों को दोबारा कानून के हवाले करने की कवायद हो रही है।