जून और जुलाई में आतंकियों पर कहर बनकर बरसी सेना, मार गिराए 21 दहशतगर्द
श्रीनगर
सीमा पार से आतंकियों के नापाक मंसूबों को सेना लगातार कुचल रही है। जून और जुलाई के महीने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों पर सेना के जवान कहर बनकर बरसे। रिपोर्ट बताती है कि इन दो महीनों में सेना ने मुठभेड़ में 21 आतंकियों का घाटी से सफाया किया। ये आंकड़े 1 जून से 20 जुलाई के बीच सुरक्षा बलों द्वारा जारी किए गए हैं। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि इन दो महीनों में आतंकियों ने जमकर घुसपैठ की और सेना ने उन्हें उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया। यहां यह भी बताना जरूरी है कि साल के शुरुआती पांच महीनों में सेना से मुठभेड़ में 14 आतंकी मारे गए थे। जनवरी और अप्रैल के बीच जम्मू-कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों की संख्या में गिरावट के बाद जनवरी में चार आतंकी मारे गए। फरवरी में तीन, मार्च में एक और अप्रैल में शून्य। मई में छह आतंकवादी मौतों के साथ ग्राफ बढ़ना शुरू हुआ और जून में 13 आतंकी मारे गए। जुलाई महीने की 20 तारीख तक आठ आतंकियों की मौत दर्ज की जा चुकी है।
सीमा पार से कब होती है ज्यादा घुसपैठ
घाटी में सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी का कहना है कि यह प्रवृत्ति आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि आमतौर पर सर्दियों के महीनों में दर्रों के बंद होने के कारण घुसपैठ कम हो जाती है। जैसे-जैसे बर्फ पिघलती है, पाकिस्तान से सीमा पार करने के प्रयास बढ़ने लगते हैं।
आतंकियों की घुसपैठ में 73% की गिरावट
इस साल 1 जनवरी से 20 जुलाई और 2022 की इसी अवधि के बीच, मारे गए आतंकवादियों की संख्या में 73% की गिरावट आई है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस प्रवृत्ति को आतंकवादी गतिविधि पर अंकुश और स्थानीय भर्ती में गिरावट को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 20 जुलाई के बीच जम्मू-कश्मीर में 35 आतंकवादी मारे गए, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 131 आतंकवादी मारे गए थे। 2022 में इसी अवधि के दौरान जनवरी-जुलाई के दौरान स्थानीय आतंकवादियों की मौत 95 से घटकर आठ हो गई। तुलनात्मक अवधि के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए विदेशी आतंकवादियों की संख्या 36 से गिरकर 27 हो गई।
मारे गए स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में गिरावट जम्मू-कश्मीर में वर्तमान में सक्रिय कुल आतंकवादियों में उनके प्रतिशत में गिरावट से मेल खाती है। 20 जुलाई तक 109 आतंकवादी सक्रिय बताए गए थे, जिनमें 71 विदेशी आतंकवादी और 38 स्थानीय लोग शामिल थे।