भोपालमध्यप्रदेश

सीएम की लंबित घोषणाओं के लिए विभागों को तीस अप्रैल का टार्गेट

भोपाल

प्रदेश के 51 सरकारी विभागों में मुख्यमंत्री द्वारा की गई 1188 घोषणाएं लंबित है। इनमें से 27 विभागों में तो दस से अधिक घोषणाएं लंबित है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने सभी विभागों को तीस अप्रैल तक का मौका दिया है कि जो घोषणाएं पूरी करना संभव है और बजट की दिक्कत भी नहीं है उन्हें शीष्र पूरा करे और जिनमें बजट या अंतरविभागीय मुद्दों के कारण दिक्कत आ रही है तो उनका समाधान निकाले। इसके अलावा जो किसी अन्य विभाग से संबंधित है तो उन्हें संबंधित विभाग में अंतरित करने का अनुरोध किया जाए। मुख्यमंत्री ने सर्वाधिक 425 घोषणाएं नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत की है। इनमें से अभी सर्वाधिक 215 घोषणाएं लंबित चल रही है। दूसरे नंबर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग है यहां की गई 285 घोषणाओं में से 127 लंबित चल रही है। लोक निर्माण विभाग में 162 में 108 और स्कूल शिक्षा विभाग में 123 में से 79 अभी लंबित चल रही है। राजस्व विभाग में 115 में से साठ घोषणाएं अभी पूरी नहीं हो पाई है।

तीस अप्रैल तक विभागों को यह कार्यवाही करना जरूरी
साध्य घोषणाएं जिनके क्रियान्वयन के लिए बजट की दिक्त नहीं लेकिन लंबित है तो उन्हें चिन्हित कर, समीक्षा की जाए और इनका शीघ्र क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं। जो साध्य है लेकिन बजट आवंटन के अभाव में पूरी नहीं हो पाई है या अंतरविभागीय  मुद्दों के कारण लंबित है उनके संबंध में तत्काल हस्तक्षेप का वित्त विभाग, संबंधित विभाग से चर्चा कर शीघ्र  समाधान निकाला जाए। ऐसी घोषणाए जिनमें विभाग को यह लगता है कि यह उनके विभाग से संबंधित नहीं है तो इनके संबंध में अपने स्तर पर विभाग परीक्षण करे और अन्य विभागों को अंतरित करने का अनुरोध भेजा जाए ।

जेल और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी घोषणाएं पूरी करने में टॉप पर
जेल विभाग में एक और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से जुड़ी दस घोषणाएं मुख्यमंत्री ने की थी। इन विभागों ने सभी पर अमल करते हुए सीएम की घोषणाएं पूरी करने में अव्वल स्थान प्राप्त किया है।

27 विभागों में दस से अधिक घोषणाएं पूरी नहीं
वन, अनुसूचित जाति कल्याण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला एवं बाल विकास, सहकारिता, उर्जा, चिकित्सा शिक्षा,रोजगार, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार,कृषि, नर्मदा घाटी विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन, जलसंसाधन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, धार्मिक न्रूास एवं धर्मस्व, गृह,  खेल एवं युवा कल्याण, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्ष्ज्ञा, जनजातीय कार्य, संस्कृति, राजस्व, स्कूल शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास।

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