नगर पंचायत के एक कार्यकारी अधिकारी पर आरजेडी से जुड़े लोगों द्वारा बुरी तरह से की पिटाई, बीजेपी बोली- बिहार में जंगलराज की वापसी
पटना
बिहार में सरकारी अधिकारियों पर हमले की एक और घटना सामने आई है। पटना जिले की डोभी नगर पंचायत के एक कार्यकारी अधिकारी पर रूपसपुर थाना इलाके में गोला रोड पर आरजेडी से जुड़े लोगों द्वारा बुरी तरह से पिटाई की गई। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि हमले में शहरी विकास एवं आवास विभाग के पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह बुरी तरह घायल हुए हैं। पीड़ित के चचेरे भाई ने आरोप लगाया कि हमला करने वाले दोनों आरोपी आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के भतीजे नागेंद्र यादव के बेटे हैं। उनका नाम तनुज और नयन यादव है। बीजेपी ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए बिहार में जंगलराज की वापसी का दावा कर दिया है।
पीड़ित पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह शहरी विकास और आवास विभाग से जुड़े हुए हैं, जिसके मुखिया आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेट एवं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव हैं। वह मूल रूप से गोपालगंज के निवासी हैं और वर्तमान में पटना में रह रहे हैं। उन्हें बेहतर इलाज के लिए बुधवार शाम नई दिल्ली रेफर किया गया है।यह घटना मंगलवार रात करीब 9.20 बजे की बताई जा रही है। जब अरविंद कुमार सिंह अपनी एसयूवी कार में सवार हो कर गोला रोड से बोरिंग रोड स्थित अपने आवास लौट रहे थे। रास्ते में तनुज और नयन यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी गाड़ी को जबरन रोक दिया। फिर आरोपियों ने पदाधिकारी अरविंद को पकड़ कर घसीटा और बीच सड़क पर ही उनकी लगभग 20 मिनट तक बेरहमी से पिटाई की। पदाधिकारी बुरी तरह जख्मी होकर सड़क पर गिर गए और बेहोश हो गए।
अरविंद सिंह के चचेरे भाई विजय कुमार ने बताया कि स्थानीय लोगों और दोस्तों की मदद से उन्हें किसी तरह उन्हें पारस अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज किया और अरविंद को नई दिल्ली के हायर सेंटर रेफर कर दिया। विजय कुमार के मुताबिक उनके भाई को बाई आंख और सिर में गंभीर चोट आई है। बुधवार दोपहर से वह वेंटिलटर पर हैं। उन्हें राजधानी एक्सप्रेस के में मेडिकल एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया, क्योंकि मौसम खराब होने के कारण एयर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। ट्रेन एंबुलेंस से साथ गए एक डॉक्टर का कहना है कि अरविंद के चेहरे की अधिकांश हड्डियां टूट गई हैं। उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया है।
विजय कुमार सिंह ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाया कि अरविंद सिंह पर हमला करने वाले गुंडे नशे में थे। दोनों आरोपी आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के भतीजे नागेंद्र यादव के बेटे हैं। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विजय ने कहा कि उन्होंने पटना से नई दिल्ली रवाना होने से पहले रूपसपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। हमलावरों में से एक ने उसका नाम तनुज यादव बताया था, जो नागेंद्र यादव का बेटा है। आरोपी ने धौंस जमाते हुए कहा था कि लालू प्रसाद यादव उसके दादा हैं, जो उखाड़ना है उखाड़ लो। नागेंद्र राय के पिता स्वर्गीय महावीर राय आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े भाई थे।
दानापुर के सहायक पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान ने गुरुवार को कहा कि हमें रूपसपुर पुलिस स्टेशन के तहत गोला रोड पर एक विवाद की सूचना मिली। हमारी टीम तुरंत वहां पहुंची। अरविंद कुमार सिंह ने मामले में हस्तक्षेप कर लोगों को शांत कराने की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट की गई। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें पारस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए उन्हें नई दिल्ली एम्स रेफर कर दिया। हमने एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपी की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।
पटना एसएसपी का भी प्रभार संभाल रहे डीआइजी राजीव मिश्रा ने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में तनुज और नयन यादव का नाम शामिल है और पुलिस फिलहाल उनके घर पर छापेमारी कर रही है। दूसरी ओर बीजेपी ने महागठबंधन सरकार को निशाने पर ले लिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को बेकार बताते हुए राज्य सरकार पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाया।
बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार अराजकता और जंगल राज की चपेट में है। पिछले अठारह महीने से यही स्थिति है। राज्य का संरक्षण प्राप्त आपराधिक तत्व बिना किसी हिचकिचाहट के घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। जंगलराज वापस आ गया है।
बता दें कि लालू यादव के भतीजे और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के चचेरे भाई नागेंद्र राय इससे पहले एक बिल्डर से दो करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने को लेकर सुर्खियों में आए थे। नागेंद्र के खिलाफ 6 से अधिक आपराधिक मामले लंबित हैं। 2003 में बुद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज एंड हॉस्पिटल के निदेशक राघवेंद्र नारायण राय ने शास्त्रीनगर पुलिस में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया था कि राय के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक हथियारबंद अपराधी गेट तोड़कर उनके घर में घुस गए और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। बीएसईबी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष शर्मा ने भी 2004 में राय के खिलाफ "गंभीर परिणाम" भुगतने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया था।