पंजाब BJP में बदलाव की चर्चा के बीच संगठन मंत्री की Entry, 2 दिन लुधियाना में टटोलेंगे नब्ज
जालंधर
लोकसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही भारतीय जनता पार्टी में पंजाब की स्थिति को सुधारने के लिए कोशिशें तेज कर दी गई हैं। पंजाब में 2022 से लेकर जालंधर के लोकसभा उपचुनाव तक के चुनावों में भाजपा को बुरी तरह से शिकस्त खानी पड़ी है, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसी को देखते हुए पार्टी ने अभी से पंजाब में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
दो दिन संगठन मंत्री लेंगे नेताओं की क्लास
अभी हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पंजाब में दो रैलियां करके गए हैं। पार्टी के अन्य नेता भी राज्य के लगातार दौरे पर हैं, लेकिन संगठनात्मक स्थिति को सुधारने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी.एल. संतोष पंजाब के दौरे पर आ रहे हैं। पता चला है कि संतोष 3 व 4 जुलाई, 2 दिन पंजाब में रहेंगे। इस दौरान वह लुधियाना में भाजपा नेताओं की अलग-अलग बैठकें लेंगे। पता चला है कि भाजपा के जिलाध्यक्षों, पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों, मीडिया, आई.टी. तथा अन्य विभागों की बैठकें रखी गई हैं। इन बैठकों में आने वाले चुनावों से पहले की योजनाओं पर चर्चा किए जाने की संभावना है।
लोकसभा उपचुनाव में किरकिरी
वैसे पार्टी के पास जालंधर लोकसभा उपचुनाव के दौरान बरती गई भरपूर लापरवाहियों की एक लंबी सूची पहुंची है, जिसमें मीडिया के नाम पर पैसों का हेर-फेर तथा आलिशान होटलों में भाजपा के नेताओं का 'स्टे' चर्चा का विषय है। पार्टी के नेता होटलों में ही बैठे रहे। मीडिया व पोर्टलों की लंबी-चौड़ी लिस्टें बनाकर उसमें भी काफी हेर-फेर होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। यह भी खबर सामने आ रही है कि कई पदाधिकारियों के जालंधर लोकसभा उपचुनाव से वारे-न्यारे हो गए। अब ये लोग बड़ी बेसब्री से अगले चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।
पार्टी कार्यालयों के निर्माण में घपले की चर्चा
पंजाब में 2024 के चुनावों से पहले पार्टी ने कुछ जिला स्तर के पार्टी कार्यालय के निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा था। अब खबर मिली है कि पंजाब के कुछ भाजपा कार्यालयों के निर्माण के दौरान हेर-फेर को लेकर भी एक रिपोर्ट पार्टी के पास पहुंची है। इस रिपोर्ट में क्या अंकित किया गया है यह तो साफ नहीं है, लेकिन पार्टी ने इन रिपोर्टों के आधार पर कुछ नेताओं की जिम्मेदारी जरूर लगाई है और उन्हें रिपोर्ट देने को कहा है। खबर है कि इन कार्यालयों के निर्माण के दौरान लाखों रुपए का घोटाला हुआ है, जिसमें कुछ नेताओं ने फर्जी बिलों के साथ खर्चा बढ़ाकर दिखाने की कोशिश की है। वैसे ऐसी ही कोशिश हाल ही के जालंधर लोकसभा उपचुनाव में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर की गई थी।