अमेरिका और फिलीपीन्स चीन की बादशाहत पर कसेंगे नकेल
वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और फिलीपीन्स के राष्ट्रपति फेरडिनांद मार्कोस जूनियर ने दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखा रहे चीन पर नकेल कसने का प्रण किया है। दोनों ही नेता सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए नए गाइडलाइन पर सहमत होने जा रहे हैं। अमेरिका के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। मार्कोस जूनियर अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे हैं। जूनियर मार्कोस ऐसे समय पर अमेरिका पहुंचे हैं जब उनके पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतर्टे के कार्यकाल में दोनों के रिश्ते खराब हो गए थे। इससे पहले फिलीपीन्स ने अपने कई नए बेस अमेरिका को दे दिया था जिसमें से कुछ विवादित दक्षिण चीन सागर में हैं।
फिलीपीन्स के किसी राष्ट्रपति की पिछले 10 साल में यह पहली आधिकारिक यात्रा है। जूनियर मार्कोस ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। बाइडन ने वाइट हाउस में कहा कि मार्कोस जूनियर इससे पहले अपने पिता के साथ यहां आ चुके हैं। आपका यहां बहुत-बहुत स्वागत है। उन्होंने प्रण किया कि अमेरिका आगे भी फिलीपीन्स की सेना के आधुनिकीकरण को जारी रखेगा। वहीं मार्कोस जूनियर ने कहा कि हाल के घटनाक्रम से फिलीपीन्स अब दुनिया के सबसे जटिल भूराजनीतिक हालात में पहुंच गया है।
अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत रहा है फिलीपीन्स
मार्कोस जूनियर ने कहा कि ऐसे विश्व में फिलीपीन्स के लिए यह स्वाभाविक है कि वह अपने एकमात्र गठबंधन सहयोगी के साथ रिश्ते मजबूत करे ताकि रिश्तों को फिर से पारिभाषित किया जा सके। ऐसे रिश्ते जो हमारे बीच हैं और दक्षिण चीन सागर तथा एशिया प्रशांत क्षेत्र के आसपास बढ़ते तनाव को देखते हुए हमें जिस तरह की भूमिका को निभाना है। इस मुलाकात के बाद जारी साझा बयान में दोनों नेताओं ने अमेरिका और फिलीपीन्स के रिश्ते की तारीफ की और प्रण किया कि साझा चिंता वाले सभी मुद्दों पर अपनी साझीदारी को बढ़ाया जाएगा।
मार्कोस जूनियर जब से सत्ता में आए हैं, वह अमेरिका और चीन के साथ रिश्तों को संतुलित करने पर फोकस कर रहे हैं। वह भी तब जब दोनों ही सुपरपावर इस समय हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने में जुट गए हैं। इससे पहले मार्कोस जूनियर के पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतर्टे ने चीन के साथ रिश्ते मजबूत करने पर फोकस कर रहे थे। चीन अभी भी फिलीपीन्स का शीर्ष ट्रेडिंग पार्टनर बना हुआ है और जनवरी में मार्कोस जूनियर ने बीजिंग की यात्रा भी की थी। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा कर रहा है जिससे फिलीपीन्स के साथ उसका तनाव बढ़ता जा रहा है।