रायपुर
फिल्म देखने वाले दर्शकों को पहली बार बाहुबली फिल्म में वीएफएक्स (विजुअल इफेक्ट्स) देखने को मिला था और अब छत्तीसगढ़ के सिने इतिहास में पहली बार छालीवुड फिल्म माई का लाल रूद्र में देखने को मिलेगा। यह फिल्म 23 फरवरी को रायपुर के प्रभात टॉकीज के साथ पूरे छत्तीसगढ़ में एक साथ रिलीज होगी। 40 से 45 लाख रुपये में बनी इस फिल्म में सिनेमा प्रेमियों को एक्शन के साथ अधिकांश समय वे हंसते हुए नजर आएंगे क्योंकि बाप और बेटे के बीच किसी तरह से अनबन होने के बाद वे अपने रिश्ते को बनाए रखने में कामयाब होते है। उक्त बातें पत्रकारों से चर्चा करते हुए अभिनेता दीपक कुमार, अभिनेत्री हेमा शुक्ला, प्रभाकर बर्मन, अलक राय ने कहीं।
फिल्म के निमार्ता व अभिनेता दीपक कुमार ने बताया कि उन्होंने इस फिल्म की कहानी को 8 साल पहले लिखा था लेकिन कोई निर्देशक व निमार्ता नहीं मिलने के कारण वे काफी निराश थे। एक इस बीच उनकी मुलाकात सुभाष जायसवाल से हुई जो कि बिलासपुर के रहने वाले है और वर्तमान में मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के कई टीवी सीरियल में निर्देशक रह चुके है और वे इस फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी ली और वे खुद अभिनेता के बाद पहली बार निमार्ता बने। सुभाष ने बताया कि चूंकि वे कई टीवी सीरियलों में निर्देशन कर चुके है इसलिए उन्होंने इस फिल्म को साउथ की तरह बनाने की सोची और बाहुबली फिल्म की तरह उन्होंने इसमें वीएफएक्स का इस्तेमाल किया जो कि वीडियो प्रोडक्शन में जब कोई सीन शूट करने में महंगा हो या खतरनाक हो तो उस सीन को शॉट करने के लिए कुछ स्पेशल इफेक्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
फिल्म में आपको अभिनेता एक जगह भालू से लड़ते हुए दिखाई देंगे उस समय दर्शकों को समझ आएगा कि वीएफएक्स क्या होता है। फिल्म की अधिकांश शूटिंग दुर्ग जिले के एक गांव में हुई और फिल्म में 7 गाने है जिसमें कहीं पर भी फूहड़पन देखने को नहीं मिलेगा। इस फिल्म का टैग लाइन सिरतोन बवाल हे लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है, यह भी छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ है कि फिल्म के टाइटल के साथ-साथ टैग लाइन भी चल रहा है।