छत्तीसगढराज्य

प्रत्याशी चयन में भाजपा के सारे दावे झूठे, कैडर आधारित कार्यकतार्ओं की पार्टी होने का दावा भी जुमला है

रायपुर

भाजपा के कैडर आधारित, कार्यकर्ताओं की पार्टी होने का दावा भी जुमला है। राजिम और डोंडी लोहारा में दूसरे दलों से आयातित व्यक्ति को प्रत्यासी बनाने और उसके बाद अब केशकाल में एक नौकरशाह को पार्टी प्रवेश कराके तत्काल भाजपा का प्रत्याशी घोषित करना इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी चुनाव से पहले ही हार मान चुकी है। भाजपा के अधिनायकवादी फैसला और आम कार्यकतार्ओं और स्थानीय नेताओं के हक का गला घोटे जाने के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकतार्ओं में असंतोष है। केशकाल में तो नीलकंठ टेकाम की उम्मीदवारी के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के कार्यकर्ता संसय की स्थिती में हैं, भाजपा में जो तय हो रहा है वो उनके स्थानीय नेताओं और समर्पित कार्यकत्र्ताओं के लिए भी अप्रत्याशित है। 15 साल के मठाधीशो का अलग फरमान और फामूर्ला है। पद और टिकट हथियाने, काटने और दिलाने नित नए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। अविश्वसनीयता का आलम यह है कि अमित शाह और ओम माथुर को बूथ कमेटी की बैठक लेने खुद आना पड़ रहा है। सामान्यता प्रभारी, आब्जर्वर और स्टार प्रचारक तो दूसरे राज्यों से आते हैं कुछ कार्यकर्ता सहयोगी के रूप में भी आते हैं, लेकिन पहली बार 90 विधानसभा में भाजपा के गुजरात और महाराष्ट्र के 90 विधायकों को प्रबंधक की भूमिका में ठेके पर बुलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रत्याशी चयन के संदर्भ में पूर्व में किए गए सारे दावे जुमले साबित हुए हैं। इनको ना परिवारवाद से परहेज है, न भ्रष्टाचार कोई मुद्दा है। विचारधारा और निष्ठा भी जुमले हैं। रमन सिंह के भांजे को खैरागढ़ से, पूर्व सांसद की पुत्री को सरायपाली से उतारना परिवारवाद पर भाजपा दोहरा चरित्र है, अभी तो खुद रमन सिंह और उनके पुत्र अभिषेक सिंह के साथ अमर अग्रवाल, केदार कश्यप जैसे अनेकों नेता भी टिकट के कतार में है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button