गलवान संकट के बाद प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई उपाय किए: वायु सेना प्रमुख
नई दिल्ली
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि वायु सेना उत्तरी सीमाओं पर हो रहे घटनाक्रमों से पूरी तरह अवगत है। 2020 में गलावन घाटी संकट के बाद से वायु सेना लगातार अपनी क्षमता बढ़ा रही है और किसी भी खतरे से निपटने के लिए रणनीति बदल रही है।
सेना ने पर्याप्त बुनियादी ढांचा किया तैयार
एक कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि तीन सर्दियां बीत गई हैं। हमने पर्याप्त बुनियादी ढांचा तैयार किया है और उस क्षेत्र में विश्वसनीय प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने साजो-सामान की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की है।
एलएसी पर हालात नहीं है सामान्य
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय और चीनी सैनिक तीन साल से अधिक समय समय से टकराव की स्थिति में हैं। हालांकि, दोनों पक्षों ने व्यापक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। जून 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है। दोनों पक्षों के बीच कई दशकों में यह सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।