मानवता के लिए घातक साबित होगा AI ! Elon Musk ने रोक लगाने की मांग
नईदिल्ली
Elon Musk और Apple के को फाउंडर ने मांग की है कि AI डेवेलपमेंट पर रोक लगनी चाहिए. क्योंकि अगर ऐसा ना हुआ तो ये मानवता का दुश्मन साबित हो सकता है. इनका मानना है कि AI आउट ऑफ कंट्रोल हो सकता है.
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को फ्यूचर टेक के तौर पर लंबे समय से देखा जा रहा था, लेकिन अब ये हकीकत बन चुका है. इस सेक्टर में लगातार काम हो रहा है. ChatGPT के आने के बाद आम लोगों का भी ध्यान इस टेक्नोलॉजी पर गया है. कुछ लोग इस टेक्नोलॉजी को मानवता के दुश्मन की तरह देख रहे हैं.
ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि एक दिन मशीनों के अंडर लोगों का काम करना होगा. इस खतरे को देखते हुए टेक्नोलॉजी दिग्गज इस तरह के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर रोक की मांग कर रहे हैं. इस ओपन लेटर पर एलॉन मस्क, ऐपल के को-फाउंडर Steve Woznaik समेत 1000 टेक दिग्गज और रिसर्चर्स ने साइन किया है.
क्या है लेटर में लिखा?
लेटर में लिखा है, 'AI सिस्टम्स अब जनरल टास्क में इंसानों की बराबरी कर रहे हैं. हमें खुद से सवाल करना चाहिए कि क्या हम मशीनों को अपने इंफॉर्मेशन चैनल्स में प्रोपेगेंडा और गलत जानकारी भरने दें?'
उन्होंने लेटर में लिखा 'क्या हमें सभी कामों को ऑटोमेशन पर डाल देना चाहिए? क्या हमें ऐसा नॉन-ह्यूमन दिमाग डेवलप करने चाहिए, जो हमें रिप्लेस कर सकते हैं?'
Future of Life Institute कैम्ब्रिज बेस्ड एक NGO है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रिस्पांसिबल और एथिकल डेवलपमेंट के लिए कैंपेन चलाता है. इससे पहले संस्था को Musk और Google की AI लैब DeepMind का समर्थन खतरनाक ऑटोनोमस वेपन सिस्टम ना डेवलप करने के लिए मिला था.
संस्था का कहना है कि वे सभी AI लैब्स से बात कर रहे हैं कि GPT-4 से पावरफुल किसी भी AI सिस्टम की ट्रेनिंग को तुरंत रोकना चाहिए. ये रोक कम से कम 6 महीनों के लिए हो. GPT-4 को Open AI ने इस महीने की शुरुआत में लॉन्च किया है, जो GPT-3 से कई गुना ज्यादा पावरफुल है.
क्यों रोक लगाना चाहते हैं टेक्नोलॉजी दिग्गज?
Elon Musk और कई दूसरे टेक्नोलॉजी दिग्गज AI लैब्स पर रोक लगाना चाहते हैं. दिग्गजों का मानना है कि इंसानों जैसी इंटेलिजेंस वाले AI के डेवलपमेंट पर रोक लगनी चाहिए. Future of Life Institute के एक ओपन लेटर पर Elon Musk, ऐपल को-फाउंडर Steve Woznaik और दूसरे दिग्गजों ने साइन किया है.
इस लेटर में कहा गया है कि AI लैब्स को GPT-4 से ज्यादा पावरफुल मॉड्यूल तैयार करने से रोकना चाहिए. GPT-4 को Open AI ने डेवलप किया है, जो एक अमेरिकी स्टार्टअप है और इसे माइक्रोसॉफ्ट ने फंड किया है.
AI को बनाया जा रहा CEO
मशीनों के गाइडेंस में काम करने की शुरुआत हो चुकी है. चीन में एक गेमिंग कंपनी NetDragon Websoft ने अपनी एक सब्सिडियरी का CEO एक AI बेस्ड रोबोट को बनाया है. AI वकील से लेकर एडवाइजर्स तक बनाए जा रहे हैं.
कुछ ने ChatGPT को अपना CEO बना दिया है. कंपनियों का कहना है कि ऐसा प्रोडक्टिविटी और इफिशियंसी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. मगर यहां से ही मशीनों के गाइडेंस में काम करने की शुरुआत हो रही है. वहीं टेक्नोलॉजी दिग्गजों का मानना है कि इंसानों के बराबर इंटेलिजेंस वाले AI भविष्य में खतरा बन सकते हैं.