भोपालमध्यप्रदेश

होली-रंगपंचमी के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज

भोपाल

होली-रंगपंचमी का पर्व खत्म होने के बाद अब जिले में एक बार फिर तेजी से लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लोकसभा चुनाव कैसे कराया जाए, इसके लिए जिलेभर के 16 हजार अधिकारी-कर्मचारियों को अलग-अलग चरणों में ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें चुनावी एबीसीडी और अन्य बारिकियां सिखाई जाएगी। प्रशिक्षण के बाद उसी दिन उन्हें एग्जाम भी देना होगा। इसमें फेल होने वाले अधिकारी कर्मचारियों को फिर से ट्रेनिंग देकर एग्जाम लिया जाएगा। इस संबंध में सारी तैयारियां जिला निर्वाचन विभाग ने पूरी कर ली है। ऐसे में कल से चुनावी ट्रेनिंग का सत्र शुरू होगा, तो लगातार चलेगा।

भोपाल के 7 केन्द्रों पर दिया जाएगा प्रशिक्षण
जिला निर्वाचन विभाग के अनुसार इनमें से अधिकांश अधिकारी-कर्मचारी छह माह पहले विधानसभा चुनाव निपटा चुके हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होगी। ट्रेनिंग का सिलसिला एक अप्रैल से शुरू होगा। हालांकि इनमें से 14,761 अधिकारी-कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी में लगाया जाएगा, बाकी रिजर्व में रहेगे। सीईओ जिला पंचायत भोपाल ऋतुराज सिंह ने बताया कि मतदान दल का प्रथम प्रशिक्षण 1 से 6 अप्रैल तक भोपाल के 7 प्रशिक्षण केन्द्रों पर सुबह 11 से शाम 4 बजे तक दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए लगभग 80 मास्टर ट्रेनर सैद्धांतिक एवं ईव्हीएम नियुक्त किये गये हैं। यह प्रशिक्षण मैनिट, मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल, बीएसएस कॉलेज, रवीन्द्र भवन पुराना सभाग्रह, आईटीआई गोविंदपुरा, राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान, वैशाली नगर एवं समन्वय भवन में होगा।

चुनावों में गर्मी: पोलिंग बूथ पर रखेंगे डफर, सेक्टर अधिकारी की गाड़ी में दवाईयां, पैरा मेडिकल स्टाफ
इधर, भोपाल लोकसभा सीट के लिए तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग होगी। इस दौरान तेज गर्मी और लू का असर रहेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि वोटिंग के दौरान टेम्प्रेचर 43 डिग्री तक पहुंच सकता है। ऐसे में जिला प्रशासन पोलिंग बूथ पर ओआरएस पैकेट, पीने के पानी और छांव की व्यवस्था करेगा। भोपाल लोकसभा सीट में 8 विधानसभाएं हैं। इनमें भोपाल उत्तर, नरेला, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा और सीहोर विधानसभाएं ही ऐसी हैं, जिनके ज्यादातर बूथ शहरी हिस्से में है, जबकि बैरिसया और हुजूर विधानसभा के ज्यादातर बूथ गांवों में है। शहर में तो सरकारी-प्राइवेट बिल्डिंग होने से छांव की व्यवस्था को लेकर कोई दिक्कतें नहीं होंगी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बूथ में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए प्रशासन के सामने यह बड़ी चुनौती रहेगी। सेक्टर आॅफिसर की गाड़ी में दवाइयों के साथ पैरा-मेडिकल स्टॉफ भी तैनात रखेंगे।

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