अंकित सक्सेना को 6 साल बाद न्याय, हत्यारों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
नई दिल्ली
दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने अंकित सक्सेना हत्या मामले में तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर 50 – 50 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगा है। घटना 2018 में वेस्ट दिल्ली के ख्याला इलाके में 23 वर्षीय युवक की सरेआम हत्या से जुड़ी है। एडिशनल सेशन जज (ASJ) सुनील कुमार शर्मा ने पिछले साल 23 दिसंबर को मृतक की महिला दोस्त के माता-पिता अकबर अली और शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम को हत्या का दोषी ठहराया था।
2 मार्च को सुरक्षित रखा था फैसला
दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी (डीएलएसए) ने पहले सक्सेना के संबंध में विक्टिम इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें पता चला कि मृतक के पिता के निधन के बाद परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य उसकी मां हैं। मुआवजे के आकलन के लिए रिपोर्ट अहम होती है। सजा पर बहस के दौरान अभियोजन ने इस अपराध के लिए दोषियों को अधिकतम सजा देने की अदालत से अपील की थी । वहीं, बचाव पक्ष की ओर से पेश वकील ने दोषियों को सजा सुनाते हुए नरम रुख अपनाने का सेशन जज से आग्रह किया गया था। 2 मार्च को अदालत ने सजा पर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
लड़की के परिवार वाले मृतक के साथ उसके प्रेम संबंध के खिलाफ थे। हत्या के बाद इलाके में तनाव पसर गया था। अदालत ने दोषियों को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 ( समान मंशा के साथ कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत मुजरिम करार दिया था। शहनाज बेगम को, जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए भी दोषी ठहराया गया था ।
अंतर धार्मिक विवाह था हत्या की वजह
पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंतर धार्मिक विवाह की वजह से अंकित सक्सेना की हत्या कर दी गई थी. पिछले हफ्ते बहस पूरी करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने हत्या के लिए अंकित की प्रेमिका की मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को दोषी करार दिया था.
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने की वजह से की गई थी. अदालत ने इस मामले में अंकित सक्सेना के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी. घटना के बाद पीड़ित परिवार ने मोहल्ला छोड़ दिया था और ए-ब्लाक से मकान बदलकर बी-ब्लाक में रहने के लिए आ गए थे.
23 दिसंबर को एडिशनल जज ने क्या कहा था?
एडिशनल सेशन जज सुनील कुमार शर्मा ने 121 पन्नों के अपने जजमेंट में कहा था कि अभियोजन आरोपी- मोहम्मद सलीम, अकबर अली और शहनाज बेगम के खिलाफ अपने आरोपों को संदेह से परे साबित करने में सफल रहा। उसने यह साबित कर दिया कि इन तीनों आरोपियों ने समान मंशा के साथ अंकित सक्सेना की हत्या की। इसीलिए ये तीनों हत्या के दोषी हैं। लड़की(मृतक के साथ जिसके प्रेम संबंध बताए गए) की मां शहनाज बेगम को आईपीसी की धारा 323 के अपराध के लिए भी मुजरिम माना गया, क्योंकि उन्होंने मृतक की मां कमलेश सक्सेना के साथ मारपीट की थी जो अपने बेटे को आरोपियों से बचाने की कोशिश कर रही थीं।