2 साल तक के बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है एडिनो वायरस
पश्चिम बंगाल में बच्चों में एक खतरनाक बीमारी फैली है। इस बीमारी का नाम एडिनो वायरस है। राज्य में सांस में संक्रमण के कारण बीते दो दिन में 12 बच्चों की मौत हो चुकी है। मरने वाले इन बच्चों में एडिनो वायरस का प्रभाव था या नहीं इस बात जांच अभी जारी है।
इस बीच बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है। एक्सपर्ट के अनुसार एडिनो वायरस से सांस संबंधी परेशानी होती है। बंगाल में बीते 48 घंटों में जिन 12 बच्चों की मौत हुई उन सभी को भी सांस लेने में परेशानी थी। हालांकि आधिकारिक रूप में अभी यह पुष्टि नहीं की गई है कि इन बच्चों की मौत एडिनो वायरस से हुई या कोई अन्य बीमारी। संबंधित टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार है। हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस मौसम में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियां आम हैं और जान गंवाने वाले बच्चे अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे।
राज्य में 2 एडिनो वायरस के मामले हैं और 10 मामलों में पल्मोनरी हेमरेज के सिंड्रोम हैं। डरने की बात नहीं है क्योंकि हमने 5000 बेड की व्यवस्था की है। बच्चे मास्क नहीं पहन सकते इसलिए उन्हें घर पर रखें। 2 साल तक के बच्चों का खास ध्यान रखें। सीएम से पहले डॉक्टरों ने दो साल तक के बच्चों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत बताई थी। एडिनो वायरस के मामले में सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा कि एक मानक प्रबंधन दिशानिर्देश सभी के लिए जारी किया गया है। वर्तमान में वायरल महामारी का कोई प्रमाण नहीं है। वर्तमान स्थिति और कुछ नहीं बल्कि एक मौसमी घटना है। एडिनो वायरस के कारण होने वाले संक्रमणों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोलकाता में सरकारी अस्पतालों में पांच बच्चों और बांकुड़ा सम्मिलनी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में दो बच्चों की मौत हो गई। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एडिनो वायरस के लक्षण वाले मरीजों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। बच्चे अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। उन्होंने कहा कि यह पुष्टि होने में समय लगेगा कि ये मौत एडिनो वायरस की वजह से हुई है या नहीं। इनमें से दो बच्चों का इलाज कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल चल रहा था जबकि तीन अन्य का उपचार डॉ. बीसी रॉय पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आॅफ पीडियाट्रिक साइंसेज में हो रहा था। एडिनो वायरस के लक्षण में सर्दी या फ्लू, बुखार और गले में खराश होना, गले में सूजन, निमोनिया, आंख आना और पेट में सूजन आदि इसके लक्षणों में शामिल हैं। कमजोर रोग प्रतिरोधक (इम्यूनिटी) क्षमता वाले लोगों को इससे खतरा ज्यादा है।