अकौना शास. माध्य. शाला में दो समूह मिलकर भी नही परोस पाते अच्छा मध्यान्ह भोजन
सतना
जिले के अकौना ग्राम पंचायत में संचालित शासकीय माध्यमिक शाला में कक्षा 1 से 5 तक 11 बच्चे हैं और कक्षा 6 से 8 तक 17 बच्चे हैं । बच्चों के लिए मध्यान भोजन की व्यवस्था के लिए दो महिला स्व सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई है जिसमें बहुरानी महिला स्व सहायता समूह अकौना और न्यू अलका सहायता समूह अकौना को जिम्मेदारी दी गई है।
लेकिन जब पत्रकारों की टीम शास. माध्यमिक शाला अकौना पंहुची मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था देखकर पर दंग रह गए। जब वहां पर खाना बना रही रसोईया से बात किया गया कि आप यह कितने बच्चों का खाना बना रही है। तो उन्होने बताया कि यह 27 बच्चों के लिए खाना बन रहा है। जिसके लिए दो समूहों को जिम्मेदारी मिली है और हम साथ में मिलकर खाना बनाती हैं। रसोइया ने बताया कि 27 बच्चों के लिए 1 सप्ताह में दो किलो आलू हमे समूह के अध्यक्ष देते हैं।
उसमे हम हफ्ते भर चलाते रहते हैं। और चावल 500 ग्राम 1 दिन के हिसाब से मिलता है, जो हमे घर से लाना पड़ता है दोनो समूह के अध्यक्ष सतना शहर में निवास करते हैं। जो यहां स्कूल में कभी नही आते । गैस सिलेंडर 9 माह से खतम है जब इसकी जानकारी अध्यक्ष को बताया तो उन्होने कहा की गैस महंगी है । चूल्हे में लकड़ी और कंडे से खाना बनाओ इसलिए हम मजबूर होकर चूल्हे में खाना बना रहे हैं। रसोइया ने आगे कहा कि हमको बोला गया है कि सब्जी चावल के अलावा बच्चों को कुछ नहीं बना कर देना है।
बाकी हम ऊपर सम्हाल लेंगे। जब पत्रकारों की टीम स्कूल के छात्रों से बात किया कि बच्चों आपको कैसा खाना मिलता है तो बच्चों ने कहा कि हमेशा यही सब्जी में पानी पानी और थोड़ा सा चावल दिया जाता है और सब्जी चावल के अलावा कुछ हमको कभी कुछ नहीं मिलता। दिया जाता है केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को दो-चार पूडियां आ जाती है, बाकी हमें सब्जी और चावल खा कर गुजारा करता है।
यहां तक कि जब बच्चों से पूछा गया कि बच्चों आपके खाना खाने के बाद आपके खाना खाने के बाद थाली कौन धोता है तो बच्चों ने बताया कि सर जी हमें हमेशा ही खाना खाने के बाद हम सभी बच्चे खुद से ही बर्तन साफ करते हैं। यहां कोई धोने वाला नहीं है।