देश

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद मजार-मस्जिदों को ढकने का मामला सामने आया

हरिद्वार

कावड़ियों के लिए खाने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के बवाल के बीच अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल हरिद्वार में  कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद मजार-मस्जिदों को ढकने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक मजार मस्जिदों को ढकने के लिए इन सभी के सामने सफेद रंग की चादर लगा दी गई थीं ताकी लोगों की नजर इन पर ना पड़े। हालांकि कई लोगों के आपत्ति जताने के बाद अब इन चादरों को हटा दिया गया है। चादरों को ज्वालापुर क्षेत्र में स्थित मस्जिदों और मजार के सामने बांस के मचान पर लटकाया गया था। हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के मुताबिक ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार का कहना है कि न तो पुलिस ने कोई पर्दा लगाया और न ही हटाया।

 हरिद्वार के अंदर से होकर पैदल पैदल कांवड़िए रवाना हो रहे हैं। सिंहद्वार से रामनगर, आर्यनगर, ऊंचा पुल से होते हुए कांवड़ियों का सैलाब गंतव्य के लिए रवाना हो रहा है। बताया गया कि रामनगर से सटे क्षेत्र में एक धर्मस्थल को ढक दिया गया था। शुक्रवार को धर्मस्थल को ढकने को लेकर विवाद की स्थिति पैदा होने लगी जिसके बाद  धर्मस्थल के बाहर लगे पर्दों को दोपहर में हटा दिया गया।  कहा जा रहा है कि किसी तरह का कोई विवाद पैदा न होने पाए, इसलिए यह पर्दे लगाए गए थे।

किसने लगाया पर्दा किसी को पता नहीं

 धर्मस्थल पर पर्दा लगाने का मामला सोशल मीडिया पर चला तो उसे हटा दिया गया। किसने पर्दा लगाया और किसने हटवाया इसको लेकर अधिकारी बोलने से बच रहे हैं। अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि पर्दा किसने लगाया और किसने हटवाया।

मंत्री सतपाल ने पर्दा लगाने पर दिया जवाब

 विजय दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से जब मीडिया ने धर्मस्थल पर पर्दा लगाने की बात पूछी तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि इसमें कोई दिक्क्त नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यही है कि कोई भड़के नहीं, कोई उत्तेजना न हो। कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से चले। इसका ध्यान रखा गया है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जब कहीं निर्माण होता है तो उसे भी ढका जाता है।

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नईम कुरेशी ने कहा, हमने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा, "हम मुसलमान हमेशा कांवड़ मेले में शिवभक्तों का स्वागत करते हैं और विभिन्न स्थानों पर उनके लिए जलपान की व्यवस्था करते हैं। यह हरिद्वार में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सद्भाव का एक उदाहरण रहा है, और पर्दे की परंपरा कभी नहीं रही है।"  कुरैशी ने कहा कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले प्रशासन ने एक बैठक की थी और हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के सदस्यों को एसपीओ बनाया गया था।

किसी से बात किए बिना लगाया पर्दा

मजार के एक केयरटेकर शकील अहमद ने कहा कि किसी ने भी देखभाल करने वालों से मजार मस्जिद को कवर करने के बारे में बात नहीं की।अहमद ने कहा कि कांवड़िए आराम करने के लिए मस्जिदों और मजारों के बाहर पेड़ों की छाया में रुकते हैं। यह पहली बार है कि ऐसा कदम उठाया गया है। कांग्रेस नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि मस्जिदों और मजारों को ढकने का प्रशासन का फैसला हैरान करने वाला है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button