नईदिल्ली/रायपुर
लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने का कुटनीतिक षड्यंत्र चल रहा है, लेकिन हम उनसे डरने वाले नहीं है भले ही सरनेम कुछ भी हो। राहुल गांधी की सांसद सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद दिल्ली पहुंचे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि सूरत की अदालत से लेकर लोकसभा तक जिस गति से फैसले हुए हैं उससे साफ जाहिर होता है कि देश में कुछ भी सामान्य नहीं चल रहा है। विपक्ष की आवाज को पूरी तरह से तुगलकी अंदाज में दबाया जा रहा है, जिसे हम दबने नहीं देंगे। लोकसभा, राज्यसभा में आप रोक सकते हैं लेकिन जनता की अदालत खुली हुई है, हम लोगों तक जाएंगे और उनको बताएंगे कि हम चोरों से डरने वाले नहीं हैं, चाहे उनका सरनेम जो भी हो।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हमें अपने लोकतंत्र में तानाशाही के सारे गुणसूत्र दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा हमसे गलती हुई कि इस गुजरात मॉडल को पूरे देश में लागू करने का मौका दिया। आरएसएस का सपना था कि देश में तानाशाही लागू हो, अब स्पष्ट है कि अपनी शताब्दी का जश्न मनाने से पहले आरएसएस भाजपा के जरिये भारत को पूरी तरह तानाशाही के गर्त में धकेल देना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कांग्रेस हमेशा आततायियों का विरोध करती रही है और जीतती रही है। कांग्रेस पार्टी जब शक्तिशाली गोरों से नहीं डरी तो चोरों से डरने का प्रश्न ही नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा राहुल गांधी जी ने पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान डरो मत का संदेश दिया है। हम कांग्रेस के सिपाही हैं, हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं और राहुल गांधी जी के अगुवाई में लड़ रहे हैं। हम न डरे हैं, न डरेंगे, न हारे थे, न हारेंगे।