देश

पिता की गलती दोहरा रहे कनाडा PM, सीनियर ट्रूडो ने तब नहीं मानी थी इंदिरा की बात; चली गई थी 329 जान

 कनाडा

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्खी भरे दौर से गुजर रहे हैं। जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान जब पीएम मोदी कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से सार्वजनिक तौर पर खालिस्तान और उससे जुड़े प्रदर्शनों पर चुप्पी साधे रखने के लिए सवाल उठाया था। पीएम मोदी ने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। वे भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए ट्रूडो ने कहा कि वह अपने देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। जस्टिन ट्रूडो ऐसा करके अपने पिता वाली गलती दोहरा रहे हैं, जब वह सीनियर ट्रूडो ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बात नहीं मानी थी। जिसका नतीजा यह हुआ कि 329 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

बात तब की है जब जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हुआ करते थे। उन्होंने 1968 से 1979 तक और फिर 1980 से 1984 तक कनाडा के प्रधानमंत्री के तौर देश की सत्ता संभाली थी। संयोग इसी दौरान इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं। उस दौरान भारत में उमड़ रहे खालिस्तानी आंदोलन के मद्देजर उन्होंने ने खालिस्तानी तलविंदर सिंह परमार के भारत प्रत्यर्पण की मांग की थी लेकिन पियर ट्रूडो की सरकार ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया था कि भारत ब्रिटेन की रानी को कॉमनवेल्थ का हेड तो मानता है लेकिन सदस्य है, इसलिए वह किसी भी तरह का प्रत्यर्पण नहीं करेगा। इसलिए कॉमनवेल्थ प्रत्यर्पण संधि लागू नहीं कर सकते। बाद में 23 जून 1985 को कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया के विमान में बम रखकर उसे उड़ा दिया, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी।

हुई थी 329 लोगों की मौत

मॉन्ट्रियल से नई दिल्ली जा रहे एयर इंडिया के विमान कनिष्क को 23 जून 1985 को आयरिश हवाई क्षेत्र में बम से उड़ा दिया गया था। विमान अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस आतंकी हमले में 329 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। जिस समय उसमें बम विस्फोट हुआ तब विमान लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से करीब 45 मिनट की दूरी पर था। मरने वालों में 270 कनाडाई नागरिक थे। इस दौरान तलविंदर परमार खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा का प्रमुख था। जो एयर इंडिया पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था।

इस विमान हमले को लेकर कई लोग पियरे ट्रूडो को दोषी ठहराते हैं क्योंकि परमार को बचाने के लिए ट्रूडो ने इंदिरा गांधी की बात को नजरअंदाज कर दिया। इंदिरा गांधी की मौत के एक साल बाद परमार ने एयर इंडिया के प्लेन पर बमबारी की तैयारी शुरू कर दी, जिसमें 329 लोगों की जान चली गई।

खुद को दोहरा रहा इतिहास

एक बार फिर कनाडा और भारत के बीच फिर से खालिस्तान के मुद्दों को लेकर तल्खियां आ गई है। इस बार वजह खालिस्तानी टाइगर फोर्स यानी KTF के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर बन रहा है। निज्जर की जून में हत्या कर दी गई थी। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो आशंका जता रहे हैं कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत की भूमिका भी हो सकती है। निज्जर पर 10 लाख रुपये का भी इनाम था। खास बात है कि इससे पहले लंदन के एक अस्पताल में एक और खालिस्तानी नेता अवतार सिंह खांडा की भी मौत हो गई थी।

कौन था हरदीप सिंह निज्जर?

अधिकारियों ने बताया है कि निज्जर पंजाब में जालंधर के भारसिंघपुर गांव का रहने वाला था। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने अपने दस्तावेजों में कनाडा स्थित पते '8193, 143-ए स्ट्रीट, सरी बीसी, कनाडा और 1418, 142 स्ट्रीट, 72 एवेन्यू (ब्रिटिश कोलंबिया)' को भी शामिल किया है। खबर है कि खांडा और निज्जर ने भारतीय उच्चायोगों के बाहर प्रदर्शन किया था। साथ ही दोनों भारत में आतंकी हमले कराने में भी शामिल रहे थे।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button