विदेश

सोमालिया में अल-शबाब आतंकवादियों ने 167 इथियोपियाई सैनिकों की हत्या

मोगादिशु
पश्चिमी सोमालिया में कट्टरपंथी इस्लामी समूह अल-शबाब के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम 167 इथियोपियाई सैनिक मारे गए।सोमाली गार्जियन समाचार पोर्टल ने  समूह का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह ने यह भी कहा कि जीवित इथियोपियाई सैनिकों को पकड़ लिया गया है और इथियोपियाई सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादियों ने इथियोपियाई सैन्य उपकरणों को भी नष्ट कर दिया और बड़ी मात्रा में हथियार जब्त कर लिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इथियोपियाई सशस्त्र बलों और सोमालिया में अफ्रीकी संघ संक्रमण मिशन (एटीएमआईएस) ने अभी तक हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, इथियोपियाई सेना ने वाजिद शहर में अपने फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस को मजबूत करने की कोशिश की, जो लगभग एक दशक से आतंकवादियों के नियंत्रण में है।
अल-शबाब एक सोमालिया स्थित जिहादी आतंकवादी समूह है जो अल-कायदा आतंकवादी समूह (रूस में प्रतिबंधित) से जुड़ा हुआ है। यह सोमाली सरकार के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध कर रहा है और देश में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मिशनों में बाधा डालता है।

 

कई लोग सोचते हैं कि मैं अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र में काफी छोटा हूं : विवेक रामास्वामी

वाशिंगटन
 भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने  कहा कि कई लोग उनकी बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हैं और उन्हें लगता है कि 38 साल का एक व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र के लिहाज से काफी छोटा है।

राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए आयोजित रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस में शानदार प्रदर्शन के बाद विभिन्न चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से रामास्वामी की लोकप्रियता में इजाफा होने की बात सामने आई है। ताजा चुनाव पूर्व सर्वेक्षण दर्शाते हैं कि रामास्वामी अगस्त के अपने प्रदर्शन से 12 अंक ऊपर हैं। वहीं, उनके विरोधियों ने उनकी आलोचना भी तेज कर दी है।

रामास्वामी ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘देखिए हम लोग पिछले कुछ हफ्ते से काफी आलोचनाएं झेल रहे हैं, जबकि दूसरी बहस में मैंने बेहतर प्रदर्शन किया। यह प्रक्रिया का हिस्सा है, इसलिए मैं खुली बहस का निमंत्रण देता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हकीकत यह है कि मेरी बढ़ती लोकप्रियता के कारण कई लोग मुझसे परेशान हैं और उनका मानना है कि 38 साल का एक व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए उम्र के लिहाज से बहुत छोटा है। तथ्य यह है कि थॉमस जेफरसन तब सिर्फ 33 साल के थे, जब उन्होंने अमेरिका की आजादी की घोषणा की थी। वह जब इस पद पर थे, तब उन्होंने घूमने वाली कुर्सी का आविष्कार भी किया था।’’

रामास्वामी ने तर्क दिया कि इस भावना को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि एक ऐसे व्यक्ति को, जिसके जीवन में सबसे अच्छे दिन आना बाकी हैं, उसे एक ऐसे देश को देखना भी अभी बाकी है, जिसके सबसे अच्छे दिन आने बाकी हैं। लेकिन हम किसी चीज से भाग नहीं सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं वास्तव में कट्टरपंथी (जो) बाइडन के एजेंडा की आलोचना नहीं करता हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। बेशक, आलोचना करने के लिए बहुत कुछ है। लेकिन हमें अपना एक दृष्टिकोण पेश करना होगा, न सिर्फ यह कि हम किससे भाग रहे हैं? बल्कि हम किसकी ओर भाग रहे हैं, प्रतिभा को फिर से उभारने की ओर, उत्कृष्टता की खोज की ओर, आर्थिक विकास, स्वतंत्र भाषण, खुली बहस की ओर। ये ऐसे बुनियादी मूल्य हैं, जिनसे अधिकांश अमेरिकी अब भी सहमत हैं।’’

रामास्वामी ने कहा, ‘‘इसीलिए मुझे विश्वास है कि हमारे पास 1980 के दशक की शैली का, रोनाल्ड रीगन-शैली का नैतिक जनादेश देने का मौका है। इसी तरह हम इस देश को एकजुट करेंगे। मैं इस दौड़ में हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि मैं यह चुनौती देने में सक्षम एकमात्र सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भले ही हमने मूल रूप से लगभग हर दूसरे उम्मीदवार की आलोचना की है, जिन्हें मेरी लोकप्रियता से खतरा है, लेकिन मैं उनमें से किसी के खिलाफ नहीं लड़ रहा हूं। मैं इस देश के लिए लड़ रहा हूं। यही वह मिशन है, जो हमें निर्देशित कर रहा है।’’ रामास्वामी ने 23 अगस्त को हुई रिपब्लिकन पार्टी की पहली प्राइमरी बहस के बाद लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button