रक्षा मंत्रालय ने दी 12 सुखोई-30MKI जेट खरीदने की हरी झंडी, ऐसे बढ़ेगी ताकत…
नईदिल्ली
रक्षा के क्षेत्र में भारत की ताकत में और इजाफा होने वाला है। रक्षा मंत्रालय ने आज 12 सुखोई 30MKI लड़ाकू विमान खरीदने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव प मंजूरी मिलने के बाद भारतीय वायुसेना के लिए ये 12 लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। इन विमानों को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बनाएगा यानी HAL बनाएगा। विमान के निर्माण में 69 प्रतिशत से ज्यादा सामान स्वदेशी होगा। सारे 12 सुखोई विमान हथियार और सेंसर से लैस होंगे।जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई 30 MKI फाइटर जेट की खरीद को मंजूरी दे दी है।
सभी विमानों को मेड इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। 11,000 करोड़ के इस रक्षा सौदे में एयरक्राफ्ट और ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे। रक्षा अधिकारी ने बताया कि विमान में आवश्यकता के अनुसार 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी। ये भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिक Su-30 MKI विमान होंगे जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे।
बताते चलें कि Su-30MKI को उसके मूल निर्माता रूस, आर्मेनिया, इंडोनेशिया अल्जीरिया और चीन सहित लगभग 15 देश इस्ते माल करते हैं। ये देश सुखोई-30 लड़ाकू विमान के विभिन्न वर्जनों का संचालन करते हैं। हालांकि, 272 विमानों के साथ, भारतीय वायुसेना के पास इन विमानों का सबसे बड़ा बेड़ा है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को भारतीय Su-30s से लॉन्च किया जा सकता है। अब इसे 700 किलोमीटर या उससे भी आगे के लक्ष्यों को भेदने के लिए विकसित किया जा रहा है। वर्तमान में ये 450 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती हैं। अस्त्र मिसाइल का मार्क-1 भी अच्छा है, जो 100 किमी तक लक्ष्य को मार सकता है। अब इसके संस्करणों को 300 किमी तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने के लिए विकसित किया जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा, " रक्षा में आत्मनिर्भरता को एक और बढ़ावा देते हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आज सशस्त्र बलों के लिए 45,000 करोड़ रुपये के नौ पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए एओएन को मंजूरी दे दी। हल्के बख्तरबंद बहुउद्देशीय वाहनों, एकीकृत निगरानी और लक्ष्यीकरण प्रणाली और अगली पीढ़ी के सर्वेक्षण जहाजों की खरीद की जाएगी। रक्षा मंत्रालय अपनी स्वदेशीकरण महत्वाकांक्षाओं को उन्नत करने की योजना बना रहा है। अब हम न्यूनतम 60-65% स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखेंगे।"