रायगढ़
एक दिवसीय प्रवास पर रायगढ़ पहुंचं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6350 करोड़ की रेल परियोजना को देश को समर्पित की। साथ ही छत्तीसगढ़ के 9 जिलों में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी शिलान्यास किया। इस दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ मेरे लिए पावर हाउस की तरह, प्रदेश के विकास के लिए हमने निरंतर काम किया है। यहां की जंगल-जमीन की रक्षा भी करेंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी करेंगे। आज छत्तीसगढ़ विकास की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए आज अनेक योजनाओं का शुभारंभ हुआ है।
आमसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ मेरे लिए पावर हाउस की तरह है। प्रदेश के विकास के लिए हमने निरंतर काम किया है। आने वाले समय में देश में ऐसे प्रोजेक्ट की संख्या बढ़ेगी और इसका लाभ छत्तीसगढ़ जैसे राज्य को जरूर मिलेगा। कोयला खदान को ईको टूरिज्म के रूप में विकसित किया जा रहा है, साथ ही खदानों से निकले पानी से खेतों की सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है। हम जंगल-जमीन की रक्षा भी करेंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी करेंगे।
प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि हर 10 में से 1 व्यक्ति सिकलसेल से ग्रसित है। इनके लिए केंद्र के जरिए जो काम कर रहा है, मैं उसका शुक्रिया अदा करता हूं। राज्य ने उन सभी उत्तरदायित्वों का पालन किया, जो राज्य के क्षेत्र के हैं। संघीय ढांचे को इसी तरह आगे लेकर जाएंगे। मैंने भेदभाव महसूस नहीं किया। बतौर एक साथी, बतौर हक केंद्र की ओर से कभी हाथ तंग नहीं रहे। आने वाले समय में इस संघीय ढांचे की व्यवस्था को आगे बढ़ाते रहेंगे। सभी क्षेत्रों में साझा भागीदारी से विकास करेंगे। मैं प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करता हूं।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग 6350 करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रेल क्षेत्र की परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें पेंड्रा रोड से अनूपपुर के बीच तीसरी रेल लाइन 50 किमी लंबी है। इसका निर्माण लगभग 516 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। साथ ही चांपा और जामगा रेलखंड के बीच 98 किलोमीटर लंबी तीसरी रेल लाइन का निर्माण करीब 796 करोड़ रु की लागत से किया गया है। तलाईपल्ली कोयला खदान को एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन (एसटीपीएस) से जोड?े वाली एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली भी शामिल है। 2070 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली, कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में सुधार के लिए बनाई गई है।
प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के नौ जिलों में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक' का भी शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत कुल 210 करोड़ रुपये की लागत से दुर्ग, कोंडागांव, राजनांदगांव, गरियाबंद, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा, बस्तर और रायगढ़ जिलों में 9 क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सिकलसेल रोग की जांच की गई आबादी को एक लाख सिकलसेल परामर्श कार्डों का भी वितरण किया। सिकलसेल परामर्श कार्ड का वितरण राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएसएईएम) के तहत किया जा रहा है।