रायपुर
चुनाव से पहले टिकट वितरण को लेकर पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। कांग्रेस ने इस बार 75 प्लस का टारगेट रखा है। पार्टी के जिम्मेदार सूत्रों की माने तो इस बार 40 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी में है इसलिए कि भाजपा भी अधिकांश सीटों पर नए चेहरे ला रही है। वहीं बड़ी बात यह भी सामने आ रही है जिन 19 सीटों पर चुनाव पिछली बार हारे थे वहां इस बार पुराने चेहरों को मौका नहीं दिया जायेगा क्योकि जब लहर में वे नहीं जीत पाये तो अब क्या गारंटी? इसलिए 50 वर्ष से कम उम्र, युवक कांग्रेस और महिला कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय उन नेताओं को मौका दिया जाएगा, जिनकी चुनाव जीतने की संभावना है।
कांग्रेस ने टिकट के लिए ब्लाक स्तर पर आवेदन लिया था। यहां से आए 2,790 आवेदनों की छंटनी के बाद 273 नाम पैनल में शामिल किए गए हैं। प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी अब इन नामों को केंद्रीय चुनाव समिति के पैमाने पर कसने का काम कर रही है।
प्रदेश में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। टिकट तय करने वाली सभी कमेटियों ने माना कि जब प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में लहर थी, उस दौर में हारे नेताओं को मौका देना खतरे से खाली नहीं है। बताया जा रहा है कि जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है, वहां दो से तीन दावेदार काफी मजबूत स्थिति में हैं। 90 में से 40 सीटों पर नए चेहरे उतारे जाएंगे, इनमें 19 वो सीटें शामिल हैं, जहां कांग्रेस हारी और 21 वो सीटें है, जहां कांग्रेस के विधायक हैं। इसीलिए टिकट घोषणा में कांग्रेस कोई जल्दबाजी नहीं कर रही है। इस चुनाव को भी अति आत्मविश्वास में नहीं लेकर पूरी गंभीरता से चुनाव लडऩा है यह निर्देश दिल्ली से स्पष्ट रूप से मिला हुआ है।
जहां पार्टी पिछला चुनाव हारी थी उनमें रायपुर दक्षिण, राजनांदगांव, कुरुद, बिल्हा, जांजगीर-चांपा, धमतरी, वैशाली नगर, कोटा, मुंगेली, लोरमी, बेलतरा, मस्तुरी, पामगढ़, जैजैपुर, अकलतरा, रामपुर, भाटापारा, बलौदाबाजार, बिंद्रानवागढ़ विधानसभा शामिल हैं,. पार्टी ने तय किया है कि इस बार यहां से हर हाल में जीत हासिल करनी है इसलिए उम्मीद्वार भी वैसे ही होंगे।