लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में BJP-JDS गठबंधन की अटकलें, खरगे बोले- हमें नहीं दबा पाएंगे
कर्नाटक
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) के 2024 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने की अटकलें हैं। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में ये दोनों पार्टियां एकसाथ आ सकती हैं, लेकिन वे राज्य में कांग्रेस की संभावनाओं को दबा नहीं पाएंगी। खरगे ने कहा, 'मैंने समाचारपत्रों में पढ़ा है कि उन्होंने हाथ मिला लिया है। मैंने देवगौड़ा (जेडीएस प्रमुख) और पीएम नरेंद्र मोदी की हाथ पकड़े हुए तस्वीरें भी देखी हैं। हो सकता है कि वे एकसाथ आने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन उनका गठबंधन कैसे होगा, दोनों के बीच कितनी सीटों का बंटवारा होगा, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि दोनों एकसाथ आ सकते हैं।' इस सवाल पर कि क्या यह कांग्रेस को दबाने की योजना है, उन्होंने कहा, 'हमें कोई दबा नहीं सकता। हम शुरू से ही कर्नाटक में चुनाव का अपने दम पर सामना करने की कोशिश कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'पूरे देश में भी, लगभग 26-28 पार्टियां (विपक्षी समूह 'इंडिया') चुनाव का सामना करने के लिए एकसाथ आई हैं, क्योंकि 60 फीसदी वोट विपक्षी दलों के पास हैं। अगर 60 फीसदी वोट एकसाथ आते हैं, तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ 40 फीसदी वोट होंगे। इसलिए, हमें उम्मीद है कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हमें सफलता मिलेगी।'
सीट बंटवारे पर अभी नहीं हुआ फैसला
सीनियर भाजपा नेता येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व वाले जद (एस) के साथ समझौता करेगी, इस घोषणा से राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य येदियुरप्पा ने कहा था कि चुनावी सहमति के तहत, जद (एस) कर्नाटक में चार लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जहां कुल 28 निर्वाचन क्षेत्र हैं। हालांकि, इससे पहले आज जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि भाजपा और उनकी पार्टी के लोकसभा चुनाव एकसाथ लड़ने के बारे में चर्चा अभी भी प्रारंभिक चरण में है।
भाजपा ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव में 25 सीटें जीती थी, जबकि उसके समर्थन वाली निर्दलीय उम्मीदवार (मांड्या से एस. अंबरीश) ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस और जद(एस) ने एक-एक सीट जीती थी। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा, 'मैंने जेडीएस को भाजपा की बी-टीम कहा था, यह अब साबित हो रहा है। जद (एस) के लोग मुझ पर गुस्सा होते थे, जब मैं उन्हें बी-टीम कहता था। साथ ही उन्होंने खुद को सेक्युलर नाम दिया है- जनता दल (सेक्युलर), लेकिन सांप्रदायिक पार्टी से हाथ मिला लिया है।'