नेशनल लोक अदालत में 12 करोड़ 32 लाख 44 हजार 210 रूपये के अवार्ड पारित
धार
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के संयुक्त तत्वाधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष श्री संजीव कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में शनिवार को जिला न्यायालय परिसर धार एवं तहसील न्यायालय- कुक्षी, धरमपुरी, मनावर, सरदारपुर, बदनावर में इस वर्ष की तृतीय नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। लोक अदालत का उद्घाटन ए.डी.आर. सेंटर धार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष श्री अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिसमें प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री धीरेन्द्र सिंह, श्री पंकजसिंह माहेश्वरी, श्री आलोक कुमार मिश्रा, श्री सुरेन्द्रसिंह गुर्जर, श्री उमेश कुमार सोनी, श्री प्रसन्नसिंह बहरावत, श्री राजकुमार गौड़, श्रीमती वर्षा सूर्यवंशी, श्री विक्रमसिंह डावर, श्री संजीव पिपलादिया, श्रीमती उषाकांता बैरागी, श्रीमती नविश्ता कुरैशी, श्री कादिर खॉ. श्री यश दुबे, बार अध्यक्ष श्री कमल दुबे, उप पुलिस अधिक्षक श्री रविन्द्र वास्कले, मुख्य नगरपलिका अधिकारी निषिकांत शुक्ला, जोनल मेनेजर स्टेट बैंक आफ इंडिया श्री दीपक सिसोदिया, एल.डी.एम श्री संजय सोनी सहित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, विभिन्न बैंको एवं विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री अग्रवाल द्वारा अपने संबोधन में लोक अदालत की महत्ता के संबंध में विचार व्यक्त किये गये। श्री सतीश ठाकुर, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल द्वारा लोक अदालत की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन डी. एल.ए.ओ. श्री मुकेश कौशल द्वारा किया गया। खंडपीठ कमांक-06 के पीठासीन अधिकारी श्री उमेश कुमार सोनी की खंडपीठ में आवेदिका कला बाई पति स्व. गोवर्धन सिसोदिया द्वारा इस आशय का आवेदन प्रस्तुत किया था कि उनके पति स्व. गोवर्धन सिसोदिया द्वारा कृषि कार्य हेतु ट्रैक्टर्स विपक्षी ऐक्सिस बैंक, धार से राशि 5 लाख 58 हजार 461 रुपये में फायनेंस करवाया था, जिसकी मैक्स लाईफ फाइनेंस कंपनी से बीमा भी करवाया गया। आवेदिका के पति के देहांत के पश्चात बीमा शर्ते अनुसार विपक्षी बैंक को बीमा कंपनी से किस्त वसूल किया जाना था। जबकि अनावेदक बैंक द्वारा आवेदिका से बकाया किस्त राशि 1 लाख 76 हजार रूपये की मांग की जा रही थी। इस प्रकार आवेदन प्रस्तुति पर लोकोपयोगी सेवाओं के लिए गठित स्थाई लोक अदालत के अंतर्गत पीठासीन अधिकारी द्वारा उचित कार्यवाही करते हुए विपक्षी को नोटिस जारी किए गये।
खंडपीठ क. 06 के पीठासीन अधिकारी श्री उमेश कुमार सोनी के समक्ष शनिवार को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। विपक्षी बैंक की ओर से अधिवक्ता श्री दिलीप यादव उपस्थित हुए तथा सुलह समझौते के आधार पर बकाया किस्त राशि का एन.ओ.सी. प्रस्तुत किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में प्रकरण का सफल निराकरण किया गया। आयोजित की गई इस नेशनल लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के दाण्डिक एवं सिविल राजीनामा योग्य कुल 1291 मामलों का निराकरण आपसी समझोते के आधार पर किया गया। जिसमें 1391 व्यक्ति लाभान्वित हुए व 12 करोड़ 32 लाख 44 हजार 210 रूपये के अवार्ड पारित किये गये,।साथ ही 716 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 2 करोड़ 62 लाख 39 हजार 545 रुपए की वसूली हुई तथा 807 व्यक्ति लाभान्वित हुए।