वर्ल्ड कप टीम में चयन ना होने पर इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने निकाला बल्ले से गुस्सा, बजाई साउथ अफ्रीका की बैंड
नई दिल्ली
मार्नस लाबुशेन और डेविड वॉर्नर के तूफानी शतकों के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने 5 मैच की वनडे सीरीज के दूसरे मुकाबले में मेजबान साउथ अफ्रीका को 123 रनों से धूल चटाकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है। पहले मुकाबले में बतौर कन्कशन सब्स्टीट्यूट मैदान पर उतरे मार्नस लाबुशेन दूसरे वनडे में भी कंगारू टीम की जीत के हीरो रहे। वर्ल्ड कप 2023 स्क्वॉड में चयन ना होने का गुस्सा वह साउथ अफ्रीका के खिलाफ बल्ले से निकाल रहे हैं। साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले मुकाबले में भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला था, मगर कैमरन ग्रीन के चोटिल होने के बाद उन्हें कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में बल्लेबाजी करने का मौका मिला और उन्होंने धमाल मचा दिया। पहले वनडे में 80 रनों की नाबाद पारी खेलने के बाद उन्होंने दूसरे मुकाबले में 99 गेंदों पर 124 रन बनाए। इन दोनों ही वनडे में उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
बात ऑस्ट्रेलिया वर्सेस साउथ अफ्रीका दूसरे वनडे की करें तो, मेजबान साउथ अफ्रीका ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया था। टेंबा बावुमा के इस फैसले को ऑस्ट्रेलियाई सलामी जोड़ी, डेविड वॉर्नर और ट्रेविस हेड, ने कुछ ही ओवर में गलत साबित कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की ओपनिंग साझेदारी 109 रनों की रही। हेड (64) के रूप में टीम को पहला झटका लगा, वहीं स्टैंडिंग कप्तान मिशेल मार्श अगली ही गेंद पर गोल्डन डक पर आउट हुए।
लगातार दो विकेट गिरने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया बैकफुट पर नहीं आया। डेविड वॉर्नर ने मार्नस लाबुशेन के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 151 रनों की साझेदारी कर टीम को बड़े स्कोर की राह दिखाई। वॉर्नर ने 93 गेंदों पर 12 चौकों और 3 गगनचुंबी छक्कों की मदद से 106 रन बनाए, वहीं लाबुशेन ने 19 चौकों और 1 छक्के की मदद से 124 रनों की पारी खेली। इनके बाद जोश इंगलिस ने अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाया और अपने वनडे करियर का पहला अर्धशतक ठोकते हुए टीम को 392 के विशाल स्कोर तक पहुंचाया।
इस स्कोर का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम को शुरुआत तो अच्छी मिली, मगर कोई बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में कामयाब नहीं रहा। क्विंटन डी कॉक (45) और टेंबा बावुमा (46) ने पहले विकेट के लिए 81 रन जोड़े थे। वहीं मिडिल ऑर्डर में हेनरिक क्लासेन और डेविड मिलर ने भी 49-49 रनों की पारियां खेली, मगर इससे टीम 269 के स्कोर तक ही पहुंच पाई। साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 41.5 ओवर में ही सिमट गई।